Student suicides in Kota-शिक्षा का हब कहे जाने वाले कोटा में छात्रों की आत्महत्याओं के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। साल 2025 के जनवरी में ही चार छात्रों ने सुसाइड कर लिया। इनमें तीन जेईई की और एक नीट की तैयारी कर रहा था। इन घटनाओं ने कोटा के माहौल पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
कृति का सुसाइड नोट कोचिंग संस्थानों पर निशाना
हाल ही में कोटा की छात्रा कृति ने आत्महत्या कर ली। उसके सुसाइड नोट ने हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया। कृति ने लिखा कि कोचिंग संस्थानों का दबाव छात्रों को अंदर से खोखला कर देता है। भारत सरकार और मानव संसाधन मंत्रालय से अपील करते हुए उसने कहा कि इन कोचिंग सेंटरों को बंद किया जाए ताकि छात्रों की जान बच सके।
माँ को लिखा दिल छू लेने वाला संदेश
कृति ने अपनी माँ को संबोधित करते हुए लिखा कि उन्होंने बचपन से ही उस पर विज्ञान पढ़ने का दबाव डाला। हालाँकि, उसे क्वांटम फिजिक्स और एस्ट्रोफिजिक्स जैसे विषय पसंद आ गए, लेकिन दिल से वह अंग्रेजी साहित्य और इतिहास पढ़ना चाहती थी। माँ से उसने गुजारिश की कि उसकी छोटी बहन पर इस तरह का दबाव न बनाया जाए।
प्रतिस्पर्धा के जाल में उलझते सपने
कृति ने अपने नोट में समाज की उस सोच पर सवाल उठाया, जहाँ परिवार अपने बच्चों के सपनों को कुचलकर उन्हें डॉक्टर या इंजीनियर बनाने पर जोर देते हैं। उसने लिखा कि यह होड़ बच्चों को उनके सपनों से दूर कर रही है।
कोचिंग सिस्टम पर गंभीर आरोप
कृति ने लिखा कि कोचिंग संस्थान बच्चों को सिर्फ प्रतिस्पर्धा करना सिखा रहे हैं, लेकिन असफलताओं से लड़ने की ताकत नहीं दे रहे। कमजोर बच्चे आत्महत्या का रास्ता चुनते हैं, जबकि कुछ नशे की तरफ बढ़ जाते हैं।
कोटा में मानसिक तनाव की बढ़ती समस्या
कोटा में छात्रों के बीच मानसिक तनाव की समस्या गंभीर हो चुकी है। पढ़ाई के दबाव और परिवार की उम्मीदों का बोझ छात्रों को तोड़ रहा है। यह स्थिति परिवारों और शिक्षण संस्थानों को सोचने पर मजबूर कर रही है कि आखिर बच्चों को कैसे तनावमुक्त किया जाए।