Anant Singh attack: बिहार के मोकामा में बुधवार शाम उस वक्त हड़कंप मच गया जब बाहुबली नेता और पूर्व विधायक Anant Singh उर्फ छोटे सरकार के काफिले पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गई। इस घटना में अनंत सिंह बाल-बाल बच गए। आरोप है कि इस हमले के पीछे कुख्यात सोनू-मोनू गैंग का हाथ है। यह मामला अभी शांत नहीं हुआ था कि गुरुवार को इस गैंग ने फिर फायरिंग की। इस बार निशाना बने मुकेश, जिन्होंने कथित तौर पर अनंत सिंह से मदद मांगी थी।
हमजा गांव में मुकेश के घर पर की गई इस फायरिंग से इलाके में दहशत फैल गई है। घटना के बाद पुलिस-प्रशासन हरकत में आया है और इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है, लेकिन लोगों में डर का माहौल बना हुआ है।
मोकामा में बाहुबली का दबदबा
मोकामा की राजनीति में Anant Singh का नाम किसी पहचान का मोहताज नहीं है। लोग उन्हें ‘छोटे सरकार’ के नाम से बुलाते हैं। उनके प्रभाव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि किसी पार्टी का सिंबल हो या कोई अन्य नेता, मोकामा में उनका वर्चस्व हमेशा बरकरार रहा है। लेकिन, उनकी ताकत को चुनौती देने वाले सोनू-मोनू गैंग ने इस घटना से साफ कर दिया है कि उनके बीच की अदावत अब गंभीर रूप ले चुकी है।
सोनू और मोनू, जो कभी अनंत सिंह के करीब थे, ने अपराध की दुनिया में 2009 में कदम रखा। पहले ये दोनों उनके लिए काम करते थे, लेकिन समय के साथ इनके बीच दरार आ गई। Anant Singh के जेल जाने के बाद इन दोनों भाइयों ने अपनी गैंग बना ली। जेल से बाहर आने के बाद अनंत सिंह के बढ़ते प्रभाव ने उन्हें चुनौतीपूर्ण स्थिति में डाल दिया, जिसके चलते ये हमला किया गया।
अधिकारियों को धमकी
सोनू-मोनू के मुख्तार अंसारी जैसे बाहुबलियों से संबंध भी चर्चा में रहे हैं। इन भाइयों ने सरकारी अधिकारियों को धमकाने और पैसे ऐंठने जैसे अपराधों को अंजाम दिया है। हालिया घटनाओं ने बिहार में फिर से गैंगवार की आशंका को जन्म दिया है।
पुलिस प्रशासन पर अब दबाव है कि वह इस मामले में तुरंत कड़ी कार्रवाई करे। स्थानीय लोग डरे हुए हैं और स्थिति बिगड़ने का खतरा बना हुआ है। अनंत सिंह की जानलेवा हमले से बचने की खबर ने एक बार फिर मोकामा की राजनीति और अपराध के आपसी संबंधों को उजागर कर दिया है।