नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। दिल्ली में नई सरकार का शपथ गृहण समरोह संपन्न हो गया। शालीमार बाग विधानसभा सीट से पहली बार चुनकर आईं रेखा गुप्ता ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। वह दिल्ली में मुख्यमंत्री का पद संभालने वाली चौथी महिला बनी। इससे पहले सुषमा स्वराज, शीला दीक्षित और आतिशी दिल्ली की सीएम रह चुकी हैं। बीजेपी ने कई दिग्ग्गजों के बजाए रेखा गुप्ता पर दांव सोच समझ कर लगाया है। इसे पीएम नरेंद्र मोदी का अब लोग मास्टस्ट्रोक भी बता रहे हैं। जानकारों का कहना है कि पीएम नरेंद्र मोदी के मिशन और विजन पर रेखा गुप्ता सटीक बैठती हैं। ऐसे में उन्होंने प्रवेश वर्मा, आशीष सूद समेत कई दिग्गजों के बजाए रेखा गुप्ता को दिल्ली का कप्तान चुना।
आधी आबादी ने बीजेपी का दिया साथ
दिल्ली विधानसभा चुनाव के वक्त पीएम नरेंद्र मोदी ने आधी आबादी को लेकर कई वादे किए। महिलाओं ने भी दिल खोलकर बीजेपी को वोट किया। जिसका नतीजा रहा कि 70 सीटों में से 48 सीट पर कमल का फूल खिला। जिन महिला वोटर्स के दम पर आम आदमी पार्टी सत्ता में आई, उन्हीं ने अरविंद केजरीवाल का तख्तापलट कर दिया। जानकार बताते हैं कि महिलाओं ने आम आदमी पार्टी, कांग्रेस के मुकाबले पीएम नरेंद्र मोदी की गारंटियों पर मुहर लगाई। ऐसे में तय था कि पीएम मोदी दिल्ली की कमान महिला के हाथों में दे सकते हैं।
महिलाओं ने 60.21 फीसदी वोट किए
70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा के चुनाव में बीजेपी ने 9 महिला उम्मीदवार उतारे थे। इनमें से चार महिला उम्मीदवारों की जीत मिली है। जबकि दिल्ली में 2025 के विधानसभा चुनाव में महिलाओं ने पुरुषों से ज़्यादा मतदान किया। महिला वोटर्स का टर्नआउट 60.92 फीसउर रहा। वहीं पुरुषों ने कुल 60.21 फीसदी वोट किए। वोटर्स को ध्यान में रखते हुए ही बीजेपी ने दिल्ली में महिलाओं पर फोकस करते हुए चुनावी घोषणापत्र में बड़े-बड़े वादे किए। महिलाओं को 2,500 रुपये हर महीने देने का ऐलान किया । महिलाओं के लिए चल रही बाकी वेलफेयर स्कीम भी लागू रखने की घोषणा की।
कोई महिला सीएम नहीं थी
मुख्यमंत्री पद की रेस में अरविंद केजरीवाल को हराने वाले प्रवेश वर्मा से लेकर दिल्ली के अनुभवी नेता विजेंद्र गुप्ता जैसे कई दिग्गजों के नाम चल रहे थे। बावजूद इसके पार्टी ने रेखा गुप्ता पर दांव लगाया है। वैश्य समाज से आने वाली रेखा गुप्ता मूल रूप से हरियाणा के जींद से ताल्लुक रखती हैं। बीजेपी ने महिला मुख्यमंत्री बनाकर पार्टी और सरकार में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का साफ संदेश दे दिया है। बीजेपी 13 राज्यों में सत्ता में है लेकिन अब तक पार्टी की कोई महिला सीएम नहीं थी। हालांकि पहले बीजेपी की ओर से कई राज्यों में महिला मुख्यमंत्री रह चुकी हैं।
चेहरे तौर पर वह आदर्श मॉडल
दिल्ली में बीजेपी ने एक गैर-विवादित नेता का चुनाव किया है। रमेश बिधूड़ी और प्रवेश वर्मा जैसे नेता अपने तीखे बयानों के लिए आलोचना का शिकार हो चुके हैं। साथ ही रेखा गुप्ता एक नया चेहरा भी हैं। क्योंकि उन्होंने संसदीय चुनाव नहीं लड़ा है और दिल्ली के इतिहास में एक नया अध्याय लिखने के लिए एक नए चेहरे तौर पर वह आदर्श मॉडल हैं। रेखा गुप्ता करीब तीन दशक से बीजेपी से जुड़ी हुई हैं। उन्हें दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाकर बीजेपी ने न केवल एक गैर-विवादित राजनेता को चुना है, बल्कि एक महिला नेता और एक नया चेहरा भी चुन लिया है।
ये महिला नेता दिल्ली की रहीं हैं सीएम
दिल्ली में कई महिला मुख्यमंत्री रही हैं, जिनमें कांग्रेस की शीला दीक्षित का 15 साल का शासन भी शामिल है। दिल्ली में आप की आतिशी और बीजेपी की सुषमा स्वराज भी मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। सुषमा स्वराज 12 अक्टूबर 1998 से 3 दिसंबर 1998 तक दिल्ली की सीएम रहीं। हालांकि प्याज की बढ़ती कीमतें समेत कई अन्य मुद्दों की वजह से बीजेपी को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद दिल्ली में लगातार 15 साल तक शीला दीक्षित सीएम रहीं। अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद आतिशी सिंह दिल्ली की सीएम रहीं। वह 2025 का चुनाव जीतकर विधायक चुनी गई हैं।
बीजेपी ने एक तीर से दो निशाने साधे
रेखा गुप्ता को सीएम बनाने के फैसले पर राजनीतिक विश्लेषक आशुतोष ने एक न्यूज चैनल के साथ बातचीत के दौरान कहा कि बीजेपी ने एक महिला को सीएम बनाकर अच्छा फैसला लिया है। क्योंकि वह पार्टी के भीतर और बाहर एक गैर-विवादित नेता हैं। साथ ही उनके सत्ता संभालने के बाद टकराव की संभावना भी कम है। वरिष्ठ पत्रकार विनोद अग्निहोत्री ने भी टीवी चैनल में कहा कि इस फैसले के जरिए बीजेपी ने एक तीर से दो निशाने साधे हैं। उन्होंने कहा कि वह वैश्य समाज से आती हैं जो दिल्ली में बीजेपी का कोर वोट बैंक है, इसके अलावा वह महिला सीएम के तौर पर सबको साथ लेकर चलने की क्षमता रखती हैं।
इस मॉडल को अपनाया
लोकसभा चुनावों से पहले बीजेपी ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी जूनियर नेताओं को मुख्यमंत्री बनाया था। लेकिन लोकसभा चुनावों में हुए नुकसान के बाद उसने हरियाणा में नायब सिंह सैनी और महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाया, जो इस पद के दावेदारों की रेस में सबसे ऊपर थे। हर कोई यही सोच रहा था कि दिल्ली में भी पार्टी किसी ऐसे नेता को ही मुख्यमंत्री बनाएगी, जो इसके दावेदारों की सूची में सबसे ऊपर है। लेकिन बीजेपी ने ऐसा ना करके मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के मॉडल को अपनाया और 50 वर्ष की रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाने का ऐलान किया।