नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। आईसीसी चैंपियन ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया। भारतीय टीम ने बॉलिंग, बैटिंग, फिल्डिंग और शानदार कप्तानी व कोचिंग के बदौलत कीवी टीम को 4 विकेट से हराकर तीसरी पर चैंपियन ट्रॉफी पर कब्जा जमाया। इस जीत का सेहरा रोहित शर्मा के स्पेशल 11 खिलाड़ियों के सिर पर बंधा। पहली बार किसी बड़े टूर्नामेंट में टीम इंडिया एक-दो खिलाड़ियों पर निर्भर नहीं रही। सभी 11 खिलाड़ियों ने हर मैच में अपने खेल के जरिए जीत दिलाई। इस फतह के बाद टीम इंडिया के ‘त्रिदेव’ ( गौतम गंभीर, रोहित शर्मा, विराट कोहली) के कॅरियर को ‘संजीवनी’ मिल गई है। अब ‘त्रिदेव’ की नजर डब्ल्यूटीसी पर होगी, जो अब तक भारत की झाली में नहीं पा आई।
विरोट-रोहित का नहीं चला बल्ला
भारत ने दुबई में खेले गई चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल मुकबाले में न्यूजीलैंड को शिकस्त देकर खिताब अपने नाम किया। ये जीत जहां रोहित शर्मा, विराट कोहली और गौतम गंभीर के लिए संजीवनी बनी। चैंपियंस ट्रॉफी से पहले भारत को न्यूजीलैंड ने घर पर हराया। इस सीरीज में रोहित-विराट का बल्ला नहीं चला। गौतम गंभीर की कोचिंग पर सवाल उठने लगे। फिर भारतीय टीम बॉर्डर-गवास्कर सीरीज खेलने के लिए आस्ट्रेलिया गई। यहां भी भारत को हार उठानी पड़ी। रोहित-विराट का बल्ला इस सीरीज में भी खामोश रहा। गंभीर भी कुछ खास नहीं कर पाए। जिसके बाद दावा किया जाने लगा कि अगर भारतीय टीम चैंपियंस ट्रॉफी में खराब प्रदर्शन करती है तो गौतम गंभीर को कोच पद से हटाया जा सकता है। रोहित-विराट के वनडे कॅरियर पर विराम लगने के दावे किए गए।
कोचिंग कॅरियर में संजीवनी साबित होने की उम्मीद
अब भारत चैंपियंस ट्रॉफी जीत चुका है। ये खिताबी जीत गौतम गंभीर के कोचिंग कॅरियर के संजीवनी साबित होने की उम्मीद है। शुरूआती चुनौतियों और अलोचनाओं के बीच उनकी रणनीति आखिरकार काम आई। भारतीय टीम न सिर्फ खिताब जीती, बल्कि चैंपियंस ट्रॉफी में अजेय रही। 9 जुलाई 2024 जब गौतम गंभीर पूर्व कोच राहुल द्रविड से भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच का पदभार संभाला तो पूरे देश की निहाहें उन पर टिक गई। गंभीर को इस जिम्मेदारी का एहसास था। क्योंकि राहुल द्रविड के कार्यकाल में भारत ने टी20 वर्ल्ढकप जीतकर इतिहास रचा था। हालांकि राहुल द्रविड के कार्यकाल में अंत के साथ ही रोहित शर्मा और विराट कोहली ने टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट से सन्यास ले लिया था। जिससे टीम बदलाव के दौर में प्रवेश कर गई थी।
ऐसे में चैंपियंस ट्रॉफी अग्निपरीक्षा थी
गौतम गंभीर के कोच बनने के बाद उनकी पहली चुनौती श्रीलंका दौरा था। जहां भारत ने टी20 सीरीज मे ंजीत दर्ज की। लेकिन वनडे सीरीज में 2-0 से भारतीय टीम हार गई। फिर आगे का सफर भी आसान नहीं रहा। भारत ने बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 2-0 की जीत दर्ज की। पर घरेलू मैदान में न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में पहली बार 0-3 की भारतीय टीम को शिकस्त मिली। फिर बॉर्डर-गवास्कर ट्रॉफी में भी भारत को 1-3 से हार का सामना करना पडा। इन असफलताओं ने गौतम गंभीर की कोचिंग पर सवाल खड़े कर दिए। उनके चयन निर्णयों पर तीखी चचाएं होने लगीं। ऐसे में चैंपियंस ट्रॉफी अग्निपरीक्षा थी।
कुछ साहसिक प्रयोग किए
गौतम गंभीर ने चैंपियंस ट्रॉफी में कुछ साहसिक प्रयोग किए। जिनमें केएल राहुल को निचलेक्रम में और अक्षर पटेल को ऊपर भेजने जैसे फैसले शामिल थे। फिर 4 स्पिनर्स के साथ उतरने का जोखिम मास्टरस्ट्रोक बन गया। अब न्यूजीलैंड के खिलाफ खिताबी जीत गंभीर के कोचिंग कॅरियर के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। गौतम गंभीर की कोचिंग में भारतीय टीम 15 मैच खेली। जिसमें 13 पर जीत दर्ज की, वहीं दो मैचों में भारत की हार हुई। जबकि भारत ने 11 वनडे खेले। आठ में जीते तो 2 मैच में हार मिली। अगर टेस्ट की बात करें तो गौगम गंभीर की कोचिंग में भारतीय टीम 10 टेस्ट मैच खेली। जिसमें भारत को 6 मैचों मे ंहार उठानी पड़ी। तीन मैच जीते और एक मुकाबला ड्रा रहा।
जुलाई 2024 से भारतीय टीम का प्रदर्शन
भारत ने बांग्लादेश के खिलाफ दो टेस्ट मैच खेले। दो मैच जीतकर सीरीज अपने नाम की। इसके बाद न्यूजीलैंड भारत के दौरे पर आई। कीवी टीम भारत पर भारी पड़ी। टीम इंडिया तीन टेस्ट मैचों की सरीज 3-0 से हार गई। इस हार के बाद भारत आस्ट्रेलिया दौरे पर गया। यहां बॉर्डर-गवास्कर ट्रॉफी में गौतम गंभीर की टीम को 3-1 से हार उठानी पड़ी। अगर वनडे की बात करें तो भारत श्रीलंका के दौरे पर गई। यहां श्रीलंका ने भारत को 2-0 से हराया। इसके बाद इंग्लैंड भारत के दौरे पर आया। टीम इंडिया ने इंग्लैंड को 3-0 से हराया। फिर नंबर आता है चैंपियंस ट्रॉफी का। इस एवेंट में भारतीय टीम अजेय रही। अपने सभी मुकाबले जीते। अब बात टी20 मैचों की। गौतम गंभीर की कोचिंग में भारत ने श्रीलंका को 3-0 से हराया। फिर पर बांग्लादेश पर भी 3.0 से जीत दर्ज की। दक्षिण अफ्रीका को 3.1 से पटखनी दी। इसके बाद इंग्लैंड पर 4.1 से जीत दर्ज की।
विराट की बल्लेबाजी पर सवाल उठ रहे थे
विराट कोहली ने चैंपियन ट्रॉफी में एक बार फिर साबित किया कि वह महान क्रिकेटर हैं। दुबई पहुंचने से पहले उनकी बल्लेबाजी पर सवाल उठ रहे थे। लेकिन विराट ने पाकिस्तान और आस्ट्रेलिया के खिलाफ मास्टरक्लास बल्लेबाजी से सभी को चुप कर दिया था। चैंपियंस ट्रॉफी में दुबई की धीमी पिच पर उन्होंने बिलकुल अगल अंदाज में बल्लेबाजी की। पाकिस्तान के खिलाफ विराट कोहली ने 111 गेंदों ने 100 रन बनाए। इस मैच में विराट कोहली ने 72 रन भाग कर लिए। आस्ट्रेलिया के खिलाफ विराट ने 84 रनों की उम्मा पारी खेली। इस मैच भी उन्होंने 76 फीसदी रन दौड़कर बनाए।
चैंपियंस ट्रॉफी प्रतिष्ठा का सवाल बन गई
विराट कोहली ने 2024 में सात वनडे मैचों में 6 लेग स्पिनर्स का शिकार बने। इस दौरान 109 गेंदों का सामना किया। फिर सिर्फ 72 रन बनाए। आलोचकों ने वनडे टीम में विराट कोहली की मौजूदगी पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए उनकी जगह किसी युवा को टीम में मौका दिए जाने की पैरवी की। ऐसे में चैंपियंस ट्रॉफी प्रतिष्ठा का सवाल बन गई। 36 साल का ये धुरंधर आलोचनाओं की परवाह किए बिना दुबई पहुंचा। बांग्लादेश के खिलाफ पहले मुकाबले में वह एकबार फिर लेग स्पिनर का शिकार बने और महज 4 रन बनाए। पर विराट ने हार नहीं मानी। प्रक्टिस में खूब पसीना बहाया और जिसका नतीजा भी सामने आया। किंग कोहली ने पाकिस्तान के खिलाफ विराट शतक ठोका।
फिर चला रोहित का बल्ला
न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में कई बल्लेबाजों समेत कप्तान रोहित भी बुरी तरह फेल हुए थे। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर तो वो 5 पारियों में सिर्फ 31 रन ही बना सके थे। ऐसे में टेस्ट क्रिकेट में उनकी जगह पर सवाल उठने लगे थे। ऐसे में उन्होंने करीब 10 साल बाद रणजी ट्रॉफी मैच खेला। पर रोहित शर्मा का बल्ला रणजी में भी खामोस रहा। ऐसे में सबकी नजर चैंपियंस ट्रॉफी पर थी। ऐसे दावे किए जा रहे थे कि चैंपियंस ट्रॉफी रोहित शर्मा के कॅरियर का आखिरी टूर्नामेंट होगा। लेकिन हिटमैन में पूर्व क्रिकेटर्स और अपने आलोचकों को बल्ले और कप्तानी से करारा जवाब दिया। फाइनल मैच में रोहित शर्मा ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 76 रन बनाए और भारत को चैंपियंस ट्रॉफी जितवाई। ऐसे में कह सकते हैं कि रोहित शर्मा के लिए भी चैंपियंस ट्रॉफी बनी।
अभी भी डब्ल्यूटीसी नहीं जीत पाया भारत
भारत ने वनडे, टी20 वर्ल्डकप के साथ ही तीन बार चैंपियंस ट्रॉफी जीती पर डब्ल्यूटीसी खिताब अभी तक रोहित शर्मा एंड कंपनी नहीं जीत पाई। भारत दो बार डब्ल्यूटीसी के फाइनल में पहुंचा। एक बार आस्ट्रेलिया से हारा तो एक बार न्यूजीलैंड ने भारत को शिकस्त दी। अब टीम इंडिया के त्रिदेव ( गौतम गंभीर, रोहित शर्मा और विराट कोहली) की नजर डब्ल्यूटीसी पर होगी। ऐसे में भारतीय टीम को पहली जंग इंग्लैंड के खिलाफ लड़नी है। भारत जून में इंग्लैंड के दौरे पर जाएगा। जानकार बताते हैं कि गौतम गंभीर ने वनडे-टी20 मैचों के लिए शानदार टीम तैयार कर ली है। लेकिन अभी भी टेस्ट मैच में भारतीय टीम को वह मुकाम हासिल नहीं हो पाया। जानकार बताते हैं कि गौतम-रोहित की फोकस टेस्ट मैच की टीम पर लग चुका है। आने वाले दिनों में भारतीय टीम का डंका टेस्ट मैच में बोलेगा।