नई दिल्ली ऑनलाइन खेल डेस्क। वक्त से लड़कर जो नसीब बदल दे…। इंसान वही जो अपनी तकदीर बदल दे। कल क्या होगा कभी मत सोचो…। क्या पता कल वक्त खुद अपनी तस्वीर बदल दे। ये पंक्तियां बिहार के 15 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी पर सटीक बैठती हैं। जिन्होंने सुविधाओं के अभाव और चुनौतियों को आत्मसात करते हुए आईपीएल 2025 में अपने बल्ले से ऐसी गदर काटी, जिसे देख बड़े से बड़ा क्रिकेटर्स भी अपने को रोक नहीं पाया। किसी ने वैभव को भविष्य का विराट बताया तो किसी ने सूर्यवंशी रघुवंशी की तुलना सचिन तेंदुलकर से कर दी।
वैभव के पिता ने अपनी जमीन बेच दी
बिहार के समस्तीपुर जिले में पड़ने वाले छोटे से गांव ताजपुर प्रखंड में वैभव सूर्यवंशी का जन्म हुआ था। वैभव के पिता किसान हैं। वैभव जब 6 वर्ष के थे, तब उनके अंदर क्रिकेट की जुनून ऐसा सवार हुआ कि पिता भी सोचने पर मजबूर हो गए। गांव में क्रिकेट जैसे खेल के लिए अच्छी ट्रेनिंग और कोचिंग की व्यवस्था नहीं थी। ऐसे में पिता ने वैभव को करीब 100 किलोमीटर दूर बिहार की राजधानी पटना में ट्रेनिंग के लिए भेजने का फैसला किया। इसके लिए पैसे भी जरूरत थी। आय का कोई बड़ा जरिया नहीं था, तो वैभव के पिता ने अपनी जमीन बेच दी।
राजस्थान रॉयल्स ने वैभव पर दांव लगाया
वैभव ने पटना में क्रिकेट के ककहरा सीखा। वैभव 10 साल के थे तो वह अपने से बड़ी उम्र के लड़कों के साथ नेट्स प्रैक्टिस कर एक दिन में 600 से ज्यादा गेंदें खेलते थे। फिर क्या था वैभव की बिहार में चर्चा होने लगी। बहुत कम्र उम्र में उन्हें पटना और बिहार की टीम में जगह मिल गई। फिर क्या था वैभव का बल्ला घरेलू मैदानों पर ऐसा गरजा की इसकी गूंज पूरे देश में सुनाई दी। वैभव ने 2024 में रनों की पहाड़ खड़ा कर दिया। चर्चा थी कि वैभव को आईपीएल में एंट्री मिलेगी। और वह दिन भी आ गया। राजस्थान रॉयल्स ने वैभव पर दांव लगाया। वैभव ने राजस्थान की तरफ से ऐसी पारी खेली, जो इतिहास के पन्नों पर दर्ज हो गई।
वह महान क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण
ऐसे में हम आपको बताते हैं कि आखिर बिहार के समस्तीपुर जिले के करीब एक गांव के युवा खिलाड़ी को किसने ढूंढा, तराशा और यहां तक पहुंचाया। वो राहुल द्रविड़ नहीं, बल्कि एक अन्य महान दिग्गज क्रिकेटर है। वह महान क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण हैं, जो बीसीसीआई से जुड़े हुए हैं और भारत में युवा क्रिकेटर्स की फौज तैयार कर रहे हैं। दरअसल, भारत के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण वो व्यक्ति हैं जिन्होंने वैभव को पहली बार बीसीसीआई अंडर-19 वनडे चैलेंजर टूर्नामेंट में खेलते देखा था। वैभव के बचपन के कोच मनोज ओझा ने कुछ बड़ी बातें सामने रखी हैं।
वैभव को राजस्थान में शामिल कराया
मनोज ओझा ने बताया कि एक मैच में वैभव 36 रन पर रन-आउट हो गए थे और ड्रेसिंग रूम में आकर रोने लगे थे। वहां मौजूद लक्ष्मण ने जब ये देखा तो उनके पास पहुंचे और कहा कि हम यहां सिर्फ रन नहीं देखते। हम यहां देखते हैं कि क्रिकेटर में लंबी रेस के लिए कौशल कितना है। वीवीएस लक्ष्मण इस युवा खिलाड़ी की प्रतिभा से इतना प्रभावित हुए कि वापस आकर उन्होंने राजस्थान रॉयल्स के कोच राहुल द्रविड़ को सुझाव दिया कि वो इस खिलाड़ी को अपनी छत्रछाया में लें। द्रविड़ ने नीलामी में बड़ी भूमिका निभाते हुए वैभव को राजस्थान में शामिल कराया, फिर शानदार अंदाज में ट्रेनिंग दी और अब नतीजा दुनिया के सामने है।
शतक लगाने वाले सबसे युवा खिलाड़ी
वैभव सूर्यवंशी गुजरात टाइटन्स के खिलाफ महज 35 गेंदों में शतक जड़कर आईपीएल में शतक लगाने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बन गए। आईपीएल के इतिहास का यह दूसरा सबसे तेज शतक है। वह पुरुष टी20 क्रिकेट में शतक लगाने वाले सबसे युवा खिलाड़ी भी बने। वह 38 गेंदों में 101 रन बनाकर आउट हुए। आईपीएल में सबसे तेज शतक का रिकॉर्ड वेस्टइंडीज के क्रिस गेल के नाम है, जिन्होंने अप्रैल 2013 में पुणे वॉरियर्स के खिलाफ रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू के लिए 30 गेंदों में शतक जमाया था। वैभव ने अपने आईपीएल के डेब्यू मैच में छक्के जड़कर आगाज किया था। इतना ही नहीं गुजरात के खिलाफ वैभव ने तेज गेंदबाज इशांत शर्मा के एक ओवर में 26 रन ठोक दिए थे। जिसमें तीन छक्के और दो चौके शामिल थे।
मां 2 बजे रात में उठती थीं
वैभव सूर्यवंशी ने अपने संघर्षों की कहानी एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू के दौरान बयां की। वैभव ने बताया कि मेरी प्रैक्टसि की वजह से मां 2 बजे रात में उठती थीं। वो रात में 11 बजे सोती थीं और केवल तीन घंटे की नींद लेती थीं। फिर मेरे लिए वो खाना बनाती। पापा ने काम छोड़ दिया, मेरा बड़ा भाई पापा का काम संभाल रहा है और उसी से मुश्किल से घर चल रहा है। पापा मेरे पीछे लगे हुए हैं कि तुम करेगा, तुम करेगा, तुम करेगा… भगवान देखते हैं कि मेहनत करने वाले को कभी असफलता नहीं मिलती है। माता-पिता और भाई के त्याग के कारण मैं आज क्रिकेट खेल रहा हूं। पिता हर वक्त मेरे साथ रहते। कह सकते हैं कि असल में वह ही मेरे पहले गुरू हैं।
एक नॉर्मल क्रिकेटर के लिए ड्रीम से कम नहीं
वैभव सूर्यवंशी ने इस इंटरव्यू के दौरान राजस्थान रॉयल्स के ट्रायल की कहानी भी बताई। उन्होंने कहा जब मैं जब ट्रायल (राजस्थान रॉयल्स के ट्रायल) में गया था तो वहां विक्रम (राठौड़) सर और रोमी (भिंडर) सर थे। रोमी सर टीम के मैनेजर हैं। मैंने तब ट्रायल में अच्छी बल्लेबाजी की थी। तब उन्होंने बोला था कि हम तुम्हे अपनी टीम में लेने का ट्राय करेंगे। मैं जब टीम में आया तो सबसे पहले उनका कॉल आया था। उन्होंने मुझे बधाई दी थी और फिर उन्होंने राहुल द्रविड़ सर से बात करवाई थी। वैभव ने कहा कि राहुल सर के अंडर ट्रेनिंग करना, काम करना, खेलना, एक नॉर्मल क्रिकेटर के लिए ड्रीम से कम नहीं है।