Bollywood news: कई हिंदी फिल्में सिनेमाघरों में आईं लेकिन सिर्फ दो ही फिल्में कमाई में सफल रहीं विक्की कौशल की ‘छावा’ और अजय देवगन की ‘रेड 2’। इसके पीछे वजह सिर्फ कहानी या एक्टिंग नहीं, बल्कि एक गहरी समस्या है। सिनेमा अब गरीबों की पहुंच से बाहर हो गया है।
सिनेमा अब अमीरों तक सिमट गया
जाने-माने लेखक और गीतकार जावेद अख्तर ने कपिल सिब्बल के यूट्यूब शो ‘दिल से विद कपिल सिब्बल’ में बातचीत के दौरान फिल्म इंडस्ट्री की गिरती हालत पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि पहले सिनेमा हर तबके के लोगों के लिए था अमीर और गरीब दोनों के लिए। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं।
मल्टिप्लेक्स कल्चर बना बड़ी रुकावट
जावेद अख्तर ने बताया कि मल्टीप्लेक्स ने सिनेमा को महंगा और आम आदमी की पहुंच से दूर बना दिया है। आज के समय में 700 रुपए की टिकट और 200 रुपए का समोसा गरीब आदमी कैसे अफोर्ड करेगा? पहले जैसा सस्ता और सबके लिए सुलभ सिनेमा अब नहीं रहा।
जब तक आम जनता फिल्म नहीं देखेगी, हिट नहीं होगी
अख्तर का साफ मानना है कि जब तक निचले तबके का इंसान फिल्म देखने नहीं आएगा, तब तक कोई भी फिल्म सच्चे मायने में हिट नहीं हो सकती। सिनेमा को लोगों तक पहुंचाना जरूरी है।
भारत में थिएटर की भी है भारी कमी
उन्होंने ये भी बताया कि भारत में थिएटरों की संख्या बहुत कम है। अमेरिका जैसे देश में जहाँ 35 करोड़ की आबादी पर एक लाख थिएटर हैं, वहीं भारत में लगभग 12 लाख लोगों पर एक थिएटर है। इससे फिल्म की पहुंच सीमित हो जाती है और बॉक्स ऑफिस कलेक्शन पर असर पड़ता है।