कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक ऑडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस ऑडियो में बीजेपी के सांसद को स्कूल का चपरासी पुष्पा स्ट्राइल पर फटकार लगाते हुए सुनाई पड़ रहा है। चपरासी ने सांसद को 39 सेकेंड में 27 गालियां दी। साथ ही खुद को एक नेता का करीबी बताते हुए सांसद और उनके प्रतिनिधि को धमकी दी। ऑडियो वायरल होते ही चपरासी को सस्पेंड कर दिया गया है।
बिल्हौर में तैनात है चपरासी
सोशल मीडिया पर वायरल ऑडियो बिल्हौर का बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार, चपरासी बिल्हौर के एक स्कूल पर पदस्थ था। वायरल ऑडियो में चपरासी ने 39 सेकेंड में सांसद को 27 गालियां दीं। उसने सांसद ही नहीं उनके प्रतिनिधि समेत कई जनप्रतिनिधियों के लिए बेहद अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। आनन-फानन बीएसए ने चपरासी को सस्पेंड कर दिया है। उसे बीआरसी बिल्हौर से अटैच कर दिया है। पुलिस ने चपरासी की तलाश शुरू कर दी है। इस मामले में एक ग्राम प्रधान को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।
पूरा ऑडियो 23ः25 मिनट का
जानकारी के मुताबिक, जो ऑडियो वायरल हो रहा है, उसमें स्कूल चपरासी और एक जनप्रतिनिधि के बीच बातचीत हो रही है। पूरा ऑडियो 23ः25 मिनट का है। इसमें चपरासी कानपुर के एक सांसद के अलावा उनके प्रतिनिधि समेत कई नेताओं के बारे में बात कर रहा है। जिस जन प्रतिनिधि से उसकी बात हो रही है, वह चपरासी को चरण स्पर्श बोलता है। कुछ देर तक चपरासी ने रवि नाम के किसी ठेकेदार के बारे में अभद्र बातचीत की फिर उसकी गालियों का निशाना सांसद बन गए।
सांसद में दम है तो मुझे जेल भिजवाकर देखे
चपरासी ने पुष्पा स्ट्राइक पर सांसद के जनप्रतिनिधि को खरी-खोटी सुनाई। चपरासी ने जमकर गाली देने के बाद यह भी कहा कि वह मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। सांसद में दम है तो मुझे जेल भिजवाकर देखे। इस पर दूसरे छोर पर मौजूद जनप्रतिनिधि ठहाके लगाता है। ऑडियो में चपरासी ने जाति विशेष, अफसरशाही और न्यायपालिका को भी निशाना बनाया। पूरी बातचीत में वह एक विधायक के इशारे पर क्षेत्र की राजनीति चलने की बात कह रहा है। देर रात तक पुलिस उसकी तलाश में दबिश दे रही है, लेकिन चपरासी हत्थे नहीं लगा।
चपरासी का पुराना विवादित इतिहास
पुलिस सूत्रों के मुताबिक गालीबाज चपरासी का पुराना विवादित इतिहास भी है। चार साल पहले वह एक वसूली कांड में चर्चा में आया था। तब एक महिला पुलिस इंस्पेक्टर ने कारोबारियों को मारपीट कर लूटपाट की थी। उसकी मुखबिरी में यह चपरासी संलिप्त पाया गया था। महिला इंस्पेक्टर गिरफ्तार कर जेल भेजी गई थी, जबकि यह जोड़तोड़ करके बच गया था। कहा जाता है कि उस मामले में कारोबारियों के ठिकाने और उनके पास मौजूद रकम की सूचना चपरासी ने ही महिला इंस्पेक्टर को दी थी।
कुर्सी पर बैठकर बाबू का काम करता है
सूत्रों की मानें चपरासी एक दल से जुड़ा हुआ है। चपरासी की पकड़ लखनऊ में कई कद्दावर नेताओं से भी है। सूत्र बताते हैं कि चपरासी चुनावों के वक्त एक्टिव रहता है और दल की जीत के लिए जमीन तैयार करता है। सूत्र बताते हैं कि चपरासी स्कूल में बहुत कम आता है। अगर स्कूल आया भी तो वह कुर्सी पर बैठकर बाबू का काम करता है। चपरासी को लेकर स्कूल के टीचर्स भी बहुत परेशान रहते हैं। बता दें, सोशल मीडिया पर वायरल ऑडियो की पुष्टि न्यूज वन इंडिया नहीं करता।