Kaushambi rape false case: कौशांबी जिले के लोहंदा गांव में चुनावी रंजिश की चिंगारी ने एक बेकसूर युवक को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया, और उसके पिता की जान ले ली। सिद्धार्थ तिवारी को दुष्कर्म के फर्जी आरोप में जेल भेजा गया, जबकि उसका पिता रामबाबू लगातार बेटे की बेगुनाही की दुहाई देता रहा। थक-हार कर रामबाबू ने सैनी कोतवाली में पुलिस के सामने जहर खाकर जान दे दी। घटना के बाद एसआईटी ने जांच शुरू की और चौंकाने वाला खुलासा हुआ। पीड़िता ने खुद फर्जीवाड़े की बात कबूल की। अब मामले में ग्राम प्रधान फरार है और पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए हरियाणा में छापेमारी कर रही है।
पीड़िता ने कबूला सच, जेल से रिहा हुआ युवक
Kaushambi एसआईटी जांच में दुष्कर्म की पीड़िता ने साफ कहा कि उसके साथ कुछ गलत नहीं हुआ था, वह मां के बहकावे में आकर आरोप लगाने को मजबूर हुई। पीड़िता के बयान और चश्मदीदों की गवाही के आधार पर Kaushambi पुलिस ने दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट की धाराएं हटाकर सिद्धार्थ तिवारी को क्लीन चिट दी। उसे सोमवार को कोर्ट से जमानत मिली और शाम को वह जेल से रिहा हो गया।
पिता की मौत से फूटा गुस्सा, प्रधान पर हत्या का मुकदमा
रामबाबू तिवारी की आत्महत्या के बाद उनके बेटे अक्षय तिवारी ने प्रधान भूप नारायण पाल, उसके भाई वीरेंद्र समेत पांच लोगों के खिलाफ जहर देकर मारने का मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने दो आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, जबकि प्रधान समेत तीन लोग फरार हैं।
पुलिस पर गिरी गाज, कोतवाली में कार्रवाई
Kaushambi सीओ सिराथू की रिपोर्ट के आधार पर पथरावां चौकी प्रभारी आलोक राय और विवेचक कृष्ण स्वरूप को निलंबित किया गया है। सैनी कोतवाली के इंस्पेक्टर बृजेश करवरिया को लाइन हाजिर कर दिया गया। दुष्कर्म के फर्जी केस का सच उजागर होने पर एसआईटी की जांच ने पुलिस की भूमिका पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
फरार है प्रधान, हरियाणा में छापेमारी
एसपी राजेश कुमार ने फरार प्रधान भूप नारायण पाल पर ₹25,000 का इनाम घोषित किया है। पुलिस को उसकी लोकेशन हरियाणा में मिली है और एक टीम वहां छापेमारी कर रही है। ग्रामीणों में प्रधान के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश है, लोग उसे जल्द गिरफ्त में लाने की मांग कर रहे हैं।