Kasganj News : नगर पंचायत सहावर की स्वामित्व वाली गाटा संख्या-409 की जमीन पर अवैध कब्जा किए जाने की शिकायत पर प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए कब्जा हटवा दिया। यह भूमि वर्षों से नगर पंचायत के लोकहित कार्यों में प्रयुक्त होती आ रही है, जहां जल संस्थान का ट्यूबवेल, नगर पंचायत कार्यालय और कई सरकारी दुकानें स्थित हैं। गाटा संख्या-409, गाटा संख्या-408 और सड़क के बीच की भूमि है।
नगर पंचायत का आरोप है कि समाजवादी पार्टी की विधायक नादिरा सुल्तान ने अपनी जमीन (गाटा संख्या-408) को मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए गाटा संख्या-409 के हिस्से पर गैरकानूनी रूप से कब्जा कर लिया था। इस संबंध में नगर पंचायत द्वारा उपजिलाधिकारी को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की गई थी।
सरकारी ज़मीन से अवैध कब्जा हटाया
प्रशासन ने 19 जून को तहसीलदार संदीप चौधरी, लेखपाल पंकज यादव और राजस्व विभाग की टीम के साथ मौके पर जाकर भूमि की पैमाइश कराई और अवैध कब्जा हटवाकर भूमि पर निशान लगाकर नगर पंचायत के हवाले कर दी। इसके बाद जब नगर पंचायत ने वहां पुनः विकास कार्य शुरू कराया, तो विधायक समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए कार्य में विघ्न उत्पन्न किया।
नगर पंचायत अध्यक्ष नाशी खान ने प्रेस वार्ता कर विधायक पर सरकारी जमीन पर कब्जा करने का आरोप दोहराया और कहा कि नगर पंचायत के पास इस भूमि का वैध नक्शा और अभिलेख मौजूद हैं। उन्होंने जनता के हित में किसी भी अतिक्रमण के खिलाफ लड़ाई जारी रखने की बात कही। उनका स्पष्ट कहना है कि सार्वजनिक संसाधनों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाया जाएगा।
निजी भूमि पर कब्जे का आरोप
उधर, सपा विधायक नादिरा सुल्तान ने पलटवार करते हुए नगर पंचायत अध्यक्ष पर उनके पुश्तैनी जमीन पर अवैध कब्जा करने की कोशिश का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि उनकी भूमि ग्राम पंचायत खितौली क्षेत्र में स्थित है, जो नगर पंचायत की सीमा में नहीं आती। विधायक का दावा है कि उनकी गैरमौजूदगी में नगर पंचायत की ओर से जेसीबी मशीन भेजकर उनकी निजी भूमि के मुख्य भाग पर कब्जा करने की कोशिश की गई, जिसे स्थानीय लोगों ने नाकाम कर दिया।
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विधायक ने यह भी आरोप लगाया कि नगर पंचायत अध्यक्ष हाल ही में रक्षा मंत्री से मुलाकात कर चुके हैं और तभी से उन पर राजनीतिक दबाव बनाकर उनकी जमीन हड़पने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने मामले की शिकायत लखनऊ में उच्च अधिकारियों से करने की बात भी कही है।
प्रशासन के लिए पेचीदा स्थिति
यह विवाद अब सीधे तौर पर सपा विधायक और नगर पंचायत अध्यक्ष के बीच आमने-सामने की लड़ाई में तब्दील होता नजर आ रहा है। एक ओर सरकारी भूमि से अवैध कब्जा हटाने की कार्रवाई को अंजाम दिया गया, वहीं दूसरी ओर निजी भूमि पर जबरन कब्जा करने के आरोप भी लग रहे हैं। इस पूरे घटनाक्रम ने प्रशासन को भी दोराहे पर लाकर खड़ा कर दिया है, जहां प्रत्येक पक्ष अपने-अपने दावों के साथ सामने खड़ा है और निष्पक्ष कार्रवाई प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है।