Kanpur DM CMO dispute: कानपुर में प्रशासनिक स्तर पर मचे घमासान में नया मोड़ आ गया है। सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी और डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह के बीच लंबे समय से चल रहे विवाद के बीच हाईकोर्ट ने डॉ. नेमी के निलंबन आदेश पर रोक लगा दी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 19 जून 2025 को जारी निलंबन पर स्टे देते हुए डॉ. नेमी को कार्यभार संभालने की अनुमति दे दी। कोर्ट के इस फैसले से प्रशासनिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है, वहीं कानपुर के स्वास्थ्य विभाग में फिर से शक्ति संतुलन बदलने की चर्चा शुरू हो गई है। अगली सुनवाई 18 अगस्त को होनी है।
कानपुर के CMO No.1 डॉ. उदयनाथ तब अपने चेंबर में घुसने की हिम्मत जुटा पाए, जब चकेरी थाने की पुलिस वहां पहुंच गई।
अंदर CMO No.2 डॉ. हरिदत्त नेमी पहले से 'सिंहासन' पर बैठे थे। #Kanpur #health @NBTLucknow pic.twitter.com/LzdbOCVywr
— Praveen Mohta (@MohtaPraveenn) July 9, 2025
हाईकोर्ट का तगड़ा संदेश
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में जस्टिस मनीष माथुर की एकल पीठ ने यह फैसला डॉ. नेमी की याचिका पर सुनाया। वरिष्ठ अधिवक्ता एलपी मिश्रा ने याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करते हुए दलील दी कि डॉ. नेमी को बिना विभागीय जांच के निलंबित कर दिया गया। कोर्ट ने प्रथम दृष्टया यह माना कि निलंबन आदेश यूपी गवर्नमेंट सर्वेंट्स (डिसिप्लिन एंड अपील) रूल्स, 1999 के विरुद्ध है। कोर्ट ने यह भी माना कि याचिकाकर्ता को सिर्फ माइनर पेनल्टी के लिए कारण बताओ नोटिस भेजा गया था, न कि सस्पेंशन के लिए।
कानपुर के CMO डॉ हरिदत्त नेमी ने कहा, मैंने CMO का चार्ज ले लिया है। DM साहब मेरे अधिकारी हैं। मेरी जगह CMO की कुर्सी संभाल रहे डॉ. उदय नाथ वापस अपनी पुरानी पोस्टिंग पर चले गए हैं। इस पर भी हाइकोर्ट का स्टे था। #Kanpur #Health @NBTLucknow pic.twitter.com/gNxaF3yk0H
— Praveen Mohta (@MohtaPraveenn) July 9, 2025
निलंबन की पृष्ठभूमि और प्रशासनिक उठापटक
Kanpur DM CMO विवाद में डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह और सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी के बीच कई महीनों से कार्यशैली को लेकर मतभेद चल रहे थे। 19 जून को डीएम ने अनुशासनहीनता का आरोप लगाकर डॉ. नेमी को निलंबित कर दिया और उसी दिन डॉ. उदय नाथ को नया सीएमओ नियुक्त कर दिया गया। डॉ. नेमी ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिसके बाद उन्हें राहत मिल गई। फिलहाल कोर्ट ने सभी पक्षों से 4 सप्ताह में जवाब मांगा है।
सोशल मीडिया पर गरमाई बहस
हाईकोर्ट के फैसले के बाद सोशल मीडिया पर लोगों की तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। कुछ यूजर्स प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठा रहे हैं, वहीं कुछ ने डॉ. नेमी की बहाली का स्वागत किया है। स्थानीय मेडिकल कर्मियों के बीच भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि इस फैसले के बाद सीएमओ कार्यालय की कमान किसके पास रहेगी और क्या डीएम व सीएमओ के बीच टकराव और गहराएगा।
आगे क्या? नजरें कोर्ट और सरकार पर
हालांकि हाईकोर्ट का यह Kanpur DM CMO आदेश डॉ. नेमी के पक्ष में गया है, लेकिन यह स्थायी नहीं है। अगली सुनवाई 18 अगस्त को होगी, जिसमें सरकार को जवाब दाखिल करना है। अब देखना यह होगा कि सरकार इस आदेश के खिलाफ अपील करती है या सुलह का रास्ता निकालती है। कानपुर के स्वास्थ्य ढांचे की स्थिरता के लिए यह फैसला निर्णायक साबित हो सकता है।