Zero Tolerance Against Corruption: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपना रखी है. इसी नीति के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कार्रवाई जारी है. इसके तहत पीडब्ल्यूडी विभाग में हुए ट्रांसफर में अनियमितता पाए जाने पर विभागाध्यक्ष सहित 5 कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। भ्रष्टाचार के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कार्यवाही लगातार जारी है. पीडब्ल्यूडी विभाग में तबादलों में हुई अनियमितता व नियम विरुद्ध हुए फैसलों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का चाबुक फिर से चला. बता दें की सीएम के आदेश पर मंगलवार को फिर PWD के पांच अफसरों-कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया.
जानकारी के मुताबिक पीडब्ल्यूडी के विभागाध्यक्ष व प्रमुख अभियंता (विकास) मनोज कुमार गुप्ता, प्रमुख अभियंता (परि./नियो.) राकेश कुमार सक्सेना व वरिष्ठ स्टॉफ ऑफिसर (ई-2) शैलेन्द्र कुमार यादव, प्रशासनिक अधिकारी व्यवस्थापन ‘घ’ वर्ग पंकज दीक्षित व प्रधान सहायक व्यवस्थापन ‘घ’ वर्ग संजय कुमार चौरसिया को निलंबित किया गया है.
जितिन प्रसाद पर गिरी पहली गाज
PWD में तबादलों में गड़बड़ियों पर पहली गाज पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद के विशेष कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी (OSD) को अरुण कुमार पांडे पर गिरी. सचिवालय प्रशासन विभाग ने सोमवार को उन्हें कार्यमुक्त कर मूल विभाग में वापस दिल्ली भेजने के आदेश जारी कर दिए हैं.
उनके खिलाफ सतर्कता जांच और अनुशासनिक कार्रवाई की सिफारिश भी की गई है. उत्तर प्रदेश आने से पहले पांडेय केंद्र में उपभोक्ता मामले खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय में अवर सचिव के पद पर तैनात थे।
सीएम योगी को मिली थीं शिकायतें
लोकनिर्माण विभाग में वर्तमान स्थानांतरण सत्र के दौरान पारित स्थानांतरण आदेशों के संदर्भ में व्यापक अनियमितता की शिकायतें शासन को प्राप्त हुई थीं, जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी ने इन शिकायतों पर तत्काल प्रभावी कदम उठाते हुए 12 जुलाई को तीन सदस्यीय एक टीम गठित थी, जिसमें एपीसी मनोज सिंह, एसीएस, गन्ना एवं आबकारी, संजय भूसरेड्डी और एसीएस, नियुक्ति और कृषि, देवेश चुतर्वेदी शामिल थे। जांच समिति द्वारा 16 जुलाई को जांच आख्या शासन को प्रस्तुत की गई थी.