आजम खान ने मुलायम सिंह यादव को बताया अपना महबूब, जानें नेता जी को भारत रत्न दिए जानें की क्यों की मांग

आजम खान ने मुलायम सिंह यादव को लेकर दिया बड़ा बयान, सपा के कद्दावर नेता ने मुलायम सिंह को भारत रत्न दिए जानें की मांग।

लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। करीब 23 माह के बाद अजम खान जेल से बाहर आ गए हैं। वह न्यूज चैनलों को धुआंधार इंटरव्यू भी दे रहे हैं। डंके की चोट पर बीजेपी सरकार के गुनाहों की पोल खोल रहे हैं। जेल में बिताए दिनों के बारे में बता रहे हैं। बैरक के अंदर मिले जख्मों को खान साहब एक-एक कर गिना रहे हैं। साथ ही मुलायम सिंह को अपना महबूब बता रहे हैं। आजत खान ऑन-बान और शान के साथ एलान भी दिया है कि वह कहीं नहीं जानें वाले। वह समाजवादी थे, समाजवादी हैं और आगे भी समाजवादी रहेंगी। सियासत में दबदबा था, दबदबा है और आगे भी दबदबा रहेगा। चुनाव भी लड़ेंगे। जनता के आर्शीवाद से अखिलेश यादव को दूसरी बार मुख्यमंत्री भी बनाएंगे।

जेल से बाहर आते ही आजम खान फिर से सक्रिय राजनीति में एक्टिव हो गए हैं। आजम खान बीएसपी में नहीं जाएंगे। आजम खान सपा में रहेंगे। 2027 का विधानसभा चुनाव भी लड़ेंगे। बेटे को भी चुनाव के मैदान में उतारेंगे। अखिलेश यादव के सारथी बनकर सपा के विजयी रथ को यूपी में घुमाएंगे। हां आजम खान ने ये बड़ा एलान कर दिया है। आजम खान ने कहा है कि वह राजनीति में नहीं आना चाहते थे। वह प्रोफेसर बनकर छात्रों को पढ़ाना चाहते थे। प्रोफेसर की डिग्री हाथ में आती, उससे पहले मुलायम सिंह यादव की नजर उन पर पड़ गई। मुलायम सिंह ने तत्काल हमें अपने पास बुलाया और सियासत का कुर्ता पायजामा पहना दिया। मुलायम सिंह की सियासी पाठशाला से हमने राजनीति का ककहरा पढ़ा।

आजम खान ने कहा कि मुलायम सिंह यादव ने रामपुर के एक फकीर को गले लगाया। बिना मांगे टिकट दिया। बिना कुछ मांगे वजीर बनाया। विधानसभा, लोकसभा और राज्यसभा में भेजा। मुलायम सिंह यादव मेरे महबूब थे। हम उन्हें बेइंतहा प्यार करते थे, करते हैं और आगे भी करते रहेंगे। मुलायम सिंह जैसा नेता न हूआ है और न ही कभी होगा। आजम खान ने कहा कि मुलायम सिंह जब सीएम थे, तब मैं उनकी कैबिनेट का सदस्य था। मेरे नहीं आने प रवह कैबिनेट की मीटिंग को स्थगित कर देते थे। मैंने उनसे कभी कुछ नहीं मांगा। हां सिर्फ एक विश्वविद्यालय की मांग की। जिसे उन्होंने महज कुछ मिनट के अंदर मंजूरी दे दी। ये विश्वविद्यालय मैंने अपने लिए नहीं मांगा था। विश्वविद्यायल को मैंने ं गरीबों के लिए मांगा था। यही विश्वविद्यालय मेरे लिए मुसीबत बना।

आजम खान ने कहा कि इसी के चलते मैं बकरी, मुर्गी चोर बना। पुलिस की चार्जशीट में डकैत बना। मेरे और मेरे परिवार पर 300 सौ से अधिक मुकदमे दर्ज किए गए। सियासतदानों ने अतीक, मुख्तार के बाद मुझे यूपी का सबसे बड़ा माफिया घोषित कर दिया। मैं दुनिया का इकलौता माफिया हूं, जिसके पास सिर्फ पौने चार बीघे जमीन है। बैंक में सिर्फ मेरी पेंशन की रकम है। आजम खान ने कहा कि हमने अपने चालीस साल के सियासी कॅरियर के दौरान कभी भी विपक्षीयों के खिलाफ कभी सपने में ऐसी कार्रवाई के बारे में कभी नहीं सोचा। हमलोग समाजवादी है। हमें इंसानों से मोहब्बत है। पर अब राजनीति किस तरह से हो रही है, इसे देखकर अफसोस हो रहा है। आजम खान ने डंके की चोट पर कहा कि वह बिकाऊ नहीं है। वह सौदेबाज नहीं है। झूठ नहीं बोलते। आजम समाजवादी थे, हैं और आगे भी रहेंगे।

आजम खान ने ये भी एलान किया कि हमें कोर्ट पर भरोसा है। हम सभी केसों से बइज्जत बरी होंगे। 2027 का चुनाव लड़ेंगे। बेटा भी चुनाव लड़ेगा। हम जनता के बीच जाएंगे। समाजवादी विचारधारा को घर-घर पहुंचाएंगे और अखिलेश यादव को फिर से सीएम बनाएंगे। आजम खान ने एक और बड़ा ख्ुलासा किया। आजम खान ने बताया कि पार्टी का अधिवेशन बिहार में हो रहा था। तब कार्यकर्ता नेता जी को मुलायम सिंह यादव कहकर पुकारते थे। तभी हमनें मंच से मुलायम सिंह यादव को नया नाम नेता जी दिया। जो अमर हो गया। आजम खान ने बताया कि अखिलेश यादव का घर का नाम टीपू था। हम भी उन्हें टीपू के नाम से पुकारते थे। 2012 के चुनाव में हमने कहा अब टीपू ही यूपी की राजनीति के अलगे सुल्तान होंगे। जनता ने अखिलेश को हाथों हाथ लिया और वह टीपू से सुल्तान बन गए। आजम खान ने पीएम नरेंद्र मोदी से कहा है कि उन्होंने जीवन में कभी कुछ नहीं मांगा। हां अपने महबूब यानि नेता जी के लिए आपसे छोली फहला कर कुछ मांग रहा हूं। मेरे महबूब यानि नेता जी को आप भारत रत्न दिए जानें का एलान करें।

 

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