लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। आजम खान जेल से बाहर आने के बाद दहाड़ रहे हैं। रामपुर के ‘खान साहब’ सियासी पिच पर उतर चुके हैं। आजम अब धुआंधार बैटिंग कर रहे हैं। बीजेपी पर जुबान से फायरिंग कर रहे हैं। जेल मे दिए गए जख्मों को मीडिया के जरिए जनता को दिखा रहे हैं। अपने करीबियों से मुलाकात कर रहे हैं। रामपुर के सांसद को घेर रहे हैं। नवाब परिवार को विलेन बताकर उन पर बरस रहे हैं। अब ‘खान साहब’ रामपुर के बाहर भी जा रहे हैं। जेल से बाहर आने के बाद वह पहली बार राजधानी लखनऊ भी पहुंचे। किसी नेता के घर पर रूकने के बजाए वह किराए के होटल में रूके। रात को सपा के नेताओं के साथ गुप्त बैठक की। सुबह-सुबह अचानक वह कार पर सवार होकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव के आवास पर आ धमके। अखिलेश यादव के साथ करीब 30 मिनट तक चर्चा की।
आजम खान देरशाम लखनऊ पहुंचे। सपा नेताओं की इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने आजम खान की आगवानी की। कई सपा नेताओं ने आजम खान को अपने घर चलने का न्योता दिया। लेकिन आजम खान ने इंकार कर दिया। उन्होंने किराए के होटल पर अपना आसियाना बनाया। होटल पर देररात तक सपा नेताओं से मुलाकात करते रहे। फिर सुबह कार पर सवार होकर अखिलेश यादव से मिलने के लिए उनके घर पर पहुंच गए। आजम खान ने करीब 30 मिनट तक अखिलेश यादव के साथ मीटिंग की। बैठक के बाद वह बाहर आए और मुलाकात से जुड़ी कोई भी बात बताने से इनकार कर दिया। साथ ही कहा कि मेरे परिवार के साथ बहुत अन्याय हुआ है। मेरे साथ बहुत बुरा किया गया है। इसके आगे मैं कुछ नहीं बता सकता।
अखिलेश यादव से मुलाकात से पहले देररात को अखिलेश यादव के करीबी अभिषेक मिश्रा, आजम खान से मिलने होटल पहुंचे थे। अभिषेक के जाते ही मुख्तार अंसारी के बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी भी होटल पहुंचे। करीब एक घंटे तक दोनों के बीच चर्चा हुई। मुख्तार के भाई के अलावा सपा के कई अन्य नेता भी होटल जाकर आजम खान से मिले। इन मुलाकातों से ठीक दो दिन पहले आजम खान ने एक बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि जेल से रिहा होने के बाद मैं भले ही शांत दिख रहा हूं, लेकिन अब भी भीतर वही पुराना राजनीतिक जोश जिंदा है। मैं बदले में यकीन नहीं रखता, इंसाफ में रखता हूं। बस सेहत की थोड़ी कमजोरी है। वरना जब मैच दोबारा शुरू होगा, तो मैं फिर बल्लेबाजी करूंगा।
आजम खान ने आगे कहा कि जांच एजेंसियों पर भरोसा है, लेकिन वह भरोसा और मजबूत होना चाहिए। इसलिए मैं चाहता हूं कि अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां हों, ताकि कोई ये न कह सके कि मैं किसी विशेष लाभ की मांग कर रहा हूं। मैं चुनौती देता हूं कि चुनाव किसी निष्पक्ष एजेंसी से कराओ, फिर देखो उनके उम्मीदवार अपनी जमानत बचा पाते हैं या नहीं। आजम खान ने अखिलेश यादव से मुलाकात पर कहा वे कई बार जेल आए, पहले भी और हाल में भी। रिश्ता मुलाकातों से नहीं टूटता। हमारा 45 साल पुराना रिश्ता है। मीडिया ने हमें तोड़ने की कोशिश की, सबसे ज्यादा नुकसान मीडिया ने ही किया। आजम खान आगे कहा अन्याय शायद मेरी किस्मत में था अब झूठे मुकदमे कानून को हथियार बनाकर दर्ज किए जाते हैं। मैंने पहले भी कई संकट भांपकर टाले हैं।
आजम खान ने आगे कहा अन्याय शायद मेरी किस्मत में था, लेकिन क्या कोई गारंटी दे सकता है कि अब नहीं होगा। आजम खान ने कहा कि जब समय आएगा, देखा जाएगा। लेकिन हम बदला नहीं लेते। अगर हम वही करें जो उन्होंने किया, तो फर्क क्या रह जाएगा। संभल और बरेली के पीड़ितों को बदला नहीं, न्याय जरूर देंगे। दरअसल लंबे समय तक सीतपुर की जेल में बंद रहने के बाद जमानत पर रिहा हुए आजम खान इन दिनों चर्चाओं में बने हुए हैं। आजम खान को लेकर शुरुआत से ही कयासबाजी चल रही है। हालांकि अब तक आजम खान सभी कयासों को खारिज करते आये हैं।
8 अक्टूबर को सपा मुखिया अखिलेश यादव ने रामपुर पहुंचकर आजम खान से मुलाकात की थी। यह मुलाकात कई मायनों में अहम मानी जा रही थी, क्योंकि 9 अक्टूबर को बसपा सुप्रीमो मायावती की लखनऊ में रैली होनी थी। ऐसी चर्चाएं थी कि आजम खान मायावती की रैली में शामिल हो सकते हैं, लेकिन अखिलेश ने आजम से मुलाकात करके उन सभी चर्चाओं पर पानी फेर दिया था। आजम खान अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद कहा था कि वह बिकाऊ नहीं। वह सपा में थे, सपा में हैं और आगे भी सपा में ही रहेंगे। आजम खान ने रामपुर के सांसद पर जुबान से हमले किए। रामपुर के नवाब परिवार के खिलाफ भी बोले।
