UP Accident News : बरेली जिले में हाल ही में एक बार फिर एक कार गुगल मेप की गलत दिशा के कारण नहर में गिर गई, जिससे तीन दोस्तों की जान खतरे में पड़ गई। यह घटना बरेली-दिल्ली हाइवे पर हुई, जहां पीलीभीत जा रहे तीन दोस्त गुगल मेप की मदद से यात्रा कर रहे थे। कार सवार तीन दोस्त, दिव्यांशु, शिवम और प्रकाश, जो लखनऊ, वाराणसी और औरेया के निवासी हैं, कानपुर से पीलीभीत जा रहे थे। वे गुगल मेप की मदद से हाइवे पर मार्ग निर्धारित कर रहे थे, लेकिन मेप ने उन्हें हाइवे से एक लिंक रोड पर मोड़ दिया।
यह लिंक रोड नहर के किनारे से गुजरता था, और एक स्थान पर सड़क कट चुकी थी और नहर में समा गई थी। कार इस रास्ते पर चलते हुए नहर में गिर गई, लेकिन गनीमत यह रही कि नहर में पानी नहीं था और कार की रफ्तार कम थी, जिसके कारण दुर्घटना में केवल कार क्षतिग्रस्त हुई, और तीनों दोस्त बाल-बाल बच गए।
स्थानीय लोगों की सूझबूझ से बची लोगों की जान
नहर में गिरने के बाद आसपास के गांववालों ने त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए कार सवारों को बाहर निकाला और उनकी मदद की। नहर में पलटी कार को क्रेन की मदद से बाहर निकाला गया। अगर नहर में पानी होता तो यह हादसा और भी गंभीर हो सकता था।
सड़क और पुलों की खराब बढ़ते हादसों का सबसे बड़ा कारण
स्थानीय लोगों ने न्यूज 1 इंडिया की टीम को बताया कि इस स्थान पर सड़क के एक हिस्से के नहर में समा जाने की शिकायत कई बार नहर विभाग और पीडब्ल्यूडी से की जा चुकी है, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। नतीजतन, ऐसे हादसों का सिलसिला जारी है, और लोग घायल होकर अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। एक similar हादसा कुछ दिन पहले बरेली-बदायूं सीमा पर हुआ था, जब तेज रफ्तार कार गुगल मेप के कारण टूटे हुए पुल से रामगंगा नदी में गिर गई, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी।
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इन लगातार हादसों के बाद सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या सिस्टम उन सड़कों और पुलों की मरम्मत और सुधार के लिए उचित कदम उठा रहा है। पीडब्ल्यूडी और नहर विभाग पर आरोप है कि वे लगातार इन समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहे, जिससे लोगों की जान खतरे में आ रही है।
बरेली में हुए इस हादसे की जांच में पाया गया कि पीडब्ल्यूडी के पांच इंजीनियर जिम्मेदार थे, जिनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की रिपोर्ट शासन को भेजी गई है। यह घटना एक चेतावनी है कि बिना उचित निरीक्षण और सुधार के सड़कें और पुलों का उपयोग जानलेवा साबित हो सकता है।