लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। उत्तर प्रदेश के हरदोई में मानवता को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया। यहां पर घायल फरियादी की सुनवाई थाने में नहीं होने से नाराज परिवावाले एम्बुलेंस से लेकर एसपी ऑफिस पहुंचे, तभी गेट से पुलिस अधिकारी निकल रहे थे। ऐसे में एसपी ऑफिस के गेट पर तैनात पुलिस कर्मियों ने एंबुलेंस को गेट पर ही रोक दिया था। घायल महिला के परिवारवालों ने आनन-फानन में उसे चादर में डालकर पुलिस ऑफिस के अंदर लेकर गए। चादर को चार लोग पकड़े हुए थे। इसकी जानकारी जैसे ही एसपी को हुई तो उन्होंने एक वीडियो जारी कर माफी मांगी। उन्होंने कहा, प्लीज आई एम सॉरी। इसके साथ ही उन्होंने पुलिस के लिए गलत राय न बनाने की बात भी कही।
क्या है पूरा मामला
दरअसल हरदोई के लोनार थाना क्षेत्र के जगदीशपुर निवासी अनूप पुलिस लाइन में फॉलोअर के पद पर कार्यरत हैं। 27 नवंबर को वह अपनी बहन को बाइक में पर बैठाकर घर जा रहे थे। तभी सड़क पर उनकी बाइक की टक्कर दूसरी बाइक से हो गई। हादसे में भाई-बहन गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय लोगों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया। पीड़ित अनूप का आरोप है कि वह हादसे की शिकायत लेकर कईबार थाने गया और मुकदमा दर्ज किए जाने की गुहार लगाई, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। ऐसे में अनूप अपनी बहन को एम्बूलेंस से लेकर एसपी ऑफिस पहुंचा। तभी एसपी खुद बाहर निकलने वाले थे। पुलिसकर्मियों ने एम्बूलेंस को गेट पर रोक दिया। जिसके कारण अनूप अपने तीन अन्य साथियों के साथ घायल बहन को चादर पर रखकर अंदर गए।
एसपी ने कहा इस घटना से दुखी
घटना का किसी ने वीडियो बना लिया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। मामले की जानकारी एसपी को हुई तो वह खुद आगे आए और एक वीडियो के जरिए फरियादी से माफी मांगी। एसपी ने कहा, प्लीज आईएम सॉरी। मुझे इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी। साथ ही उन्होंने कहा पुलिस के बारे में गलत राय न करें। घटना की पूरी जानकारी लेकर कार्रवाई किए जाने का आश्वासन भी दिया। साथ ही वीडियो में पुलिस अधीक्षक ने कहा है कि वह इस घटना से दुखी हैं। उन्होंने वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में ‘आई एम सॉरी’ लिखा।
खुद एसपी नीरज जादौन सामने आए और
सोशल मीडिया में जो वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि अनूप की बहन के पैरों में इलाज के दौरान लोहे की रॉड डाली गईं। जब चादर पर लेटाकर उसे इधर से उधर किया जा रहा है, तो उसे दर्द हो रहा है। सोशल मीडिया पर लोग पुलिस पर सवाल खड़े कर रहे हैं। यूजर्स जिले के एसपी से पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग भी कर रहे हैं। जिस पर खुद एसपी नीरज जादौन सामने आए और अपना पक्ष रखा। एसपी नीरज जादौन के बारे में कहा जाता है वह तेज-तर्राक अफसर हैं। इमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं। अपराधी उनके नाम से कांपते थे। वह पुलिस की छवि को बेहतर बनाने के लिए भी जाने जाते हैं।
कौन हैं हरदोई के एसपी नीरज जादौन
नीरज कुमार जादौन जालौन के रहने वाले हैं। वह साल 2015 बेंच के आईपीएस अधिकारी हैं। उन्हें क्राइम पर पकड़ और कानून व्यवस्था कायम करने में काफी माहिर माना जाता है। यूपी में उन्हें लोग सिंघम के नाम से भी पुकारते हैं। बताया जा रहा है कि नीरज कुमार जादौन ने कानपुर से पढ़ाई की। फिर बीएचयू से बीटे किया। पढ़ाई के फौरन बाद एमएनसी में नौकरी भी मिल गई और वह जॉब करने नोएडा आ गए। फिर जॉब के लिए वह बेंगलुरु भी गए। इसके बाद उनका कारवां ब्रिटेन पहुंचा। यहां उन्हें अच्छी जॉब मिली। मगर फिर उनकी जिंदगी में कुछ ऐसा हुआ, जिसने उनकी जिंदगी ही बदल कर रख दी। नीरज कुमार ब्रिटेन से बेंगलुरु आ गए और उन्हें एमएनसी में हाई पैकेज की जॉब मिल गई।
लाखों का पैकेज छोड़ पहनी वर्दी
बेंगलुरु में जॉब करने के वक्त गांव में उनके पिता की हत्या कर दी गई। पिता की हत्या ने उनकी जिंदगी को बदल कर रख दिया। आरोपियों को सजा दिलवाने के लिए उन्होंने केस की पैरवी की। मगर उन्हें पुलिस से वह मदद नहीं मिली, जो मिलनी चाहिए थी। ये देख उन्होंने खुद आईपीएस बनने की ठान ली। आईपीएस बनकर अपने पिता को इंसाफ दिलाने और पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार के लक्ष्य से उन्होंने जॉब के साथ ही परीक्षा की तैयारी की। इसी दौरान नीरज कुमार जादौन ने आईपीएस क्रेक कर लिया और वह आईपीएस अधिकारी बन गए। बतौर एसपी हरदोई उन्होंने जिले से अपराध-अपराधियों को लगभग-लगभग सफाया कर दिया।