श्रवण मास की पंचमी को पूरे देश में नागपंचमी त्योहार मनाया जाता है। इस साल नाग पंचमी का त्योहार 2 अगस्त यानि मंगलवार को मनाया जाएगा। इस दिन बाराबंकी जिले के मजीठा गांव में स्थित नाग देवता के मंदिर पर दिनभर भक्तों का तांता लगा रहता है। बाराबंकी जिला मुख्याेलय से 6 किलोमीटर दूर मजीठा गांव के इस मंदिर में नाग देवता के दर्शन करने के लिए पूरे प्रदेश से लोग बाराबंकी पहुंचते हैं। ऐसी मान्येता है कि नागपंचमी के दिन इस मंदिर में जो भी भक्त श्रद्धा भक्ति से मन्नत मांगता है वह पूरी होती है। साथ ही जो लोग सांपो से परेशान हैं या जिन्हें सांपों से डर लगता है वे यहां दर्शन करके इस समस्या से मुक्ति पा जाते हैं।
हिंदू धर्म में नाग पंचमी के त्योहार का विशेष महत्व है। ये त्योहार हर साल हिंदू कैलेंडर के पांचवें महीने श्रावण के चंद्र महीने के शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन मनाया जाता है। ये त्योहार आमतौर से तीज के दो दिन बाद पड़ता है। इस दिन नाग देवता की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि नाग देवता की पूजा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है। इस दिन बहुत से लोग व्रत भी रखते हैं। इस दिन जरूरतमंद लोगों को दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है। बहुत से लोग इस दिन घर में मिट्टी से सर्प की मूर्ती बनाकर नाग देवता को फूल, मिठाई और दूध अर्पित करते हैं। कई जगहों पर इस दिन मेला भी लगता है।
जिला मुख्यालय से करीब 6 किमी दूर बाराबंकी-हैदरगढ़ मार्ग पर श्री नाग देवता मंजिठा धाम स्थित है। वैसे तो यहां नाग देवता मंदिर में श्रद्धालुओं का पूरे साल आना जाना लगा रहता है। लेकिन हर साल सावन के महीने में यहां भव्य मेला लगता है। नाग पंचमी के दिन तो यहां आस-पास के जिलों से हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं। दूध और चावल से भरी मठिया चढ़ाकर मन्नतें मांगते हैं। मान्यता है कि जिनके घर में सांप आते हैं या जिन्हें सांपों से डर बना रहता है वे यहां मठिया चढ़ाकर उससे छुटकारा पा जाते हैं। यहां की मठिया ले जाकर लोग अपने घरों में रख देते हैं, जिससे घरों में कोई भी विषैला जीव-जन्तु नहीं आता।