वाराणसी। लोक आस्था और सूर्यापासना के चार दिवसीय महापर्व डाला छठ के अंतिम दिन सोमवार को व्रती महिलाओं ने उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर कठिन व्रत का समापन किया। इस दौरान गंगाघाटों और वरुणा के किनारे आस्था, परंपरा और उत्सव की परम्परा दिखी। लगातार 36 घंटे तक निर्जला व्रत रख साफ-सुथरे सूप व डलिया में सेब, संतरा, केला, शरीफा, कंदा, मूली, गन्ना, नारियल के साथ ही माला-फूल, धूपबत्ती व दीपक सजाकर पूजन के लिए तैयार महिलाओं के चेहरे पर थकावट का भाव नही दिखा। छठ मइया के प्रति उनका विश्वास और आस्था देख साथ आई महिलाएं भी उनके प्रति श्रद्धाभाव दिखाती रहीं।
तड़के तीन बजे से ही गंगा और वरुणा नदी के विभिन्न घाटों पर ईख, दीपक व दउरा में अन्य पूजन सामग्री लिए व्रती महिलाओं के साथ उनके परिजन पहुंचने लगे। कुछ ही देर में कहीं पांव रखने की जगह नहीं बची थी। सामनेघाट से आदिकेशव घाट के बीच सभी प्रमुख घाटों पर व्रतियों की मौजूदगी से माहौल छठमय रहा। सर्वाधिक भीड़ दशाश्वमेध,राजेन्द्र प्रसाद घाट,अस्सीघाट,पंचगंगा,सामनेघाट पर रही। इस दौरान घाटों पर एनडीआरफ की पूरी बटालियन,जल पुलिस भी चौकस नजर आई। सूर्योदय की प्रतीक्षा के दौरान व्रती महिलाएं उगा हो सुरूजमल,पुरूबे से उगेले नारायन, पछिमे होला उजियार’ और ‘उग हो सूरुज देव भईल अरघ के बेर’ सरीखे छठ माई के पारम्परिक गीत गाकर भगवान सूर्य से उदय होने के लिए मनुहार करती रहीं। जैसे ही पूरब दिशा से भगवान सूर्य की लालिमा बिखरी, बच्चों ने जमकर आतिशबाजी की।
इसके बाद व्रती महिलाओं के साथ उनके परिजनों और रिश्तेदारों ने भगवान सूर्य देवता को अर्घ्य देकर उनके प्रति आस्था जताई। गंगा तट के अलावा शहर और ग्रामीण अंचल के अन्य सरोवरों, तालाबों, कुंडों , जलाशयों पर व्रती महिलाओं ने विधि विधान से छठी मइया के पूजन अर्चन के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दिया। व्रती महिलाओं ने अर्घ्य देने के दौरान भगवान भास्कर और छठ मइया से वंश वृद्धि और परिवार के मंगल की कामना की। अर्घ्य देने के साथ ही लोगों में प्रसाद लेने की होड़ मच गई।
सरोवरों पर सुरक्षा के मद्देनजर पानी में बांस व रस्सी से बैरिकेडिंग की गई। एनडीआरएफ की दो टीमें मोटरबोट से चक्रमण करती रहीं। आरपीएफ व पुलिस के जवान भी अलर्ट रहे। 11 एनडीआरएफ की छह टीमें दशाश्वमेध घाट, राजघाट, पंचगंगा घाट, राजेंद्र प्रसाद घाट, केदार घाट, अस्सी घाट, सामने घाट, विश्वसुन्दरीघाट और नजदीकी घाटों पर चौकस दिखी। वरुणा किनारे शास्त्री घाट पर भी सुरक्षा कर्मी मुस्तैद रहे।