उज्बेकिस्तान से एक दर्दनाक खबरे सामने आ रही है। बता दें कि उज्बेकिस्तान में इंडियन कफ सिरप पीने से 18 बच्चों की मौत हो गई है। उज्बेकिस्तान की सरकार ने 18 बच्चों की मौत के लिए भारत की एक दवा कंपनी को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया है कि भारतीय दवा कंपनी द्वारा निर्मित तफ सिरप का सेवन करने से 18 बच्चों की मौत हुई है।
2012 में उज्बेकिस्तान के बाजार में आई Dok-1 Max सिरप
वहीं रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि फार्मास्यूटिकल कंपनी मैरियन बायोटेक द्वारा निर्मित Dok-1 Max सिरप के पीने से बच्चों की मौत हुई है। यह दवा कंपनी ने वर्ष 2012 में उज्बेकिस्तान के बाजार में कदम रखा था। सूत्रों के मुताबिक, इस कंपनी द्वारा निर्मित Dok-1 Max सिरप वर्तमान में भारतीय बाजार में नहीं बेचा जा रहा है। विस्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि वह उज्बेकिस्तान में कफ सिरप के सेवन से 18 बच्चों की मौत के मामले में आगे की जांच में सहायता करने के लिए तैयार है।ॉ
जयराम रमेश ने कहा ‘मेड इन इंडिया कफ सिरप’ बेहद जानलेवा
इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट किया है। जयराम रनेश ने ट्वीट करते हुए कहा , मेड इन इंडिया कफ सिरप बेहद जानलेवा है। पहले गंबिया में इसे पीने से 70 बच्चों की मौत हो गई थी। अब उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों को इस सिरप ने मौत के घाट उतार दिया है। मोदी सरकार को इ दवाई कंपनीयों पर तुरंत कंट्रोल करना चाहिए और सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत पर मीडिया में कई तरह के रिपोर्ट छपे हैं। इन रिपोर्टों में पता चला है कि Dak1-Max खांसी की दवाई बिना डॉक्टर की सलाह पर अधिक मात्रा में ली गई थी।
गांबिया में भी हुई थी 70 बच्चों की मौत
उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि 21 बच्चें सांस लेने की दिक्त से जूझ रहे थे। उन्होंने नोएडा के मैरियन बायोटेक की बनी कफ सिरप डॉक-1 मैक्स सिरप पिया था। जिससे उनमें से 18 की मौत हो गई है। बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन उज्बेकिस्तान के अधिकारियों से बातचीत कर रही है। बच्चों की मौत की जांच हो रही है। हालांकी, डॉक्टर-1 मैक्स की मैन्युफैक्चरिंग कंपनी बायोटेक और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस पूरे मामले पर अभी तक कुछ नहीं बोला है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस साल के शुरुआत में गांबिया में 70 बच्चों की मौत की खबर सामने आई थी. इसके पीछे भी भारतीय दवा का ही कारण बताया जा रहा था.