Ukraine- Russia War: एअर इंडिया की दूसरी निकासी उड़ान यूक्रेन में फंसे 250 भारतीय नागरिकों को लेकर रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट से रविवार तड़के दिल्ली हवाईअड्डे पर पहुंची. सरकारी अधिकारियों ने यह जानकारी दी. नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यूक्रेन से लाए गए भारतीयों को गुलाब का फूल देकर हवाईअड्डे पर उनका स्वागत किया।
भारत ने यूक्रेन में रूसी सेना के आक्रमण के बीच वहां फंसे अपने नागरिकों को निकालने के लिए शनिवार को अभियान शुरू किया. पहली निकासी उड़ान एआई1944 से बुखारेस्ट से 219 लोगों को मुंबई लाया गया. अधिकारियों ने बताया कि दूसरी निकासी उड़ान एआई1942 रविवार तड़के करीब दो बजकर 45 मिनट पर 250 भारतीय नागरिकों को लेकर दिल्ली हवाईअड्डे पहुंची।
उन्होंने बताया कि एअर इंडिया की तीसरी निकासी उड़ान एआई1940 हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट से रवाना हो गयी है और उसके रविवार को 240 लोगों के साथ दिल्ली लौटने की उम्मीद है. स्वदेश लौटे लोगों से सिंधिया ने कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि आप सभी बहुत, बहुत कठिन दौर से गुजरे हैं, बहुत कठिन समय रहा. लेकिन यह जान लीजिए कि प्रधानमंत्री हर कदम पर आपके साथ हैं, भारत सरकार हर कदम पर आपके साथ है और 130 करोड़ भारतीय हर कदम पर आपके साथ हैं।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के संपर्क में हैं तथा सभी की सुरक्षित वापसी के लिए बातचीत चल रही है. उन्होंने बताया कि रूस की सरकार के साथ भी बातचीत चल रही है और भारत सरकार तभी चैन की सांस लेगी जब यूक्रेन से प्रत्येक भारतीय वापस आ जाएगा।
सुरक्षित वापस लाने की गारंटी देंगे
मंत्री ने कहा, ‘‘इसलिए कृपया यह संदेश अपने सभी मित्रों तथा सहकर्मियों तक पहुंचाएं कि हम उनके साथ हैं और हम उन्हें सुरक्षित वापस लाने की गारंटी देंगे.’’ सिंधिया ने कहा, ‘‘मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से आपका स्वागत करता हूं. मैं एअर इंडिया की टीम को भी बधाई देना चाहता हूं कि उन्होंने आप सभी को वापस लाने के लिए इतना प्रयास किया।
यूक्रेन के अधिकारियों ने 24 फरवरी की सुबह यात्री विमानों के परिचालन के लिए अपने देश का हवाई क्षेत्र बंद कर दिया था, इसलिए भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए ये उड़ानें बुखारेस्ट और बुडापेस्ट से परिचालित की जा रही हैं. अधिकारियों ने बताया कि जो भी भारतीय नागरिक सड़क मार्ग से यूक्रेन-रोमानिया और यूक्रेन-हंगरी सीमा पर पहुंचे थे, उन्हें भारत सरकार के अधिकारियों की मदद से सड़क मार्ग से क्रमश: बुखारेस्ट और बुडापेस्ट ले जाया गया ताकि उन्हें एअर इंडिया की उड़ान के जरिए स्वदेश लाया जा सके।
उन्होंने बताया कि सरकार यूक्रेन में फंसे नागरिकों को लाने के लिए कोई शुल्क नहीं वसूल रही है. सिंधिया ने हवाईअड्डे पर पत्रकारों को बताया कि यूक्रेन में अभी तकरीबन 13,000 भारतीय फंसे हुए हैं. उन्होंने कहा, ‘‘आप जानते हैं कि वहां (यूक्रेन) बहुत संवेदनशील स्थिति है. इस स्थिति में हम दूरसंचार के माध्यम से छात्रों समेत प्रत्येक भारतीय नागरिक से बात कर रहे हैं। हम जल्द से जल्द उन्हें वापस लाएंगे.’’ एअर इंडिया ने ट्वीटर पर हवाईअड्डे पर लौटे भारतीयों का स्वागत करते हुए सिंधिया की तस्वीरें साझा की हैं।
यूक्रेन में करीब 16,000 भारतीय फंसे हैं
एअरलाइन ने कहा, ‘‘विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया 27 फरवरी की तड़के एआई1942 से बुखारेस्ट से दिल्ली वापस लाए गए भारतीय नागरिकों का स्वागत कर रहे हैं, यह उड़ान युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए संचालित की गयी.’’ विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने 24 फरवरी को कहा था कि यूक्रेन में करीब 16,000 भारतीय फंसे हैं जिनमें से अधिकतर छात्र हैं.
यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने शनिवार को ट्वीट किया था कि यूक्रेन में भारतीय दूतावास हेल्पलाइन नंबरों का इस्तेमाल कर भारत सरकार के अधिकारियों के साथ समन्वय के बिना किसी भी सीमा चौकी की ओर न बढें. उसने कहा था, ‘‘विभिन्न सीमा जांच चौकियों पर स्थिति संवेदनशील है और दूतावास हमारे नागरिकों को समन्वित तरीके से निकालने के लिए पड़ोसी देशों में हमारे दूतावासों के साथ मिलकर निरंतर काम कर रहा है.’’
दूतावास ने कहा कि उन भारतीयों को निकालना मुश्किल हो रहा है जो बिना सूचना दिए सीमा जांच चौकियों पर पहुंच गए हैं. उसने कहा कि पश्चिमी यूक्रेन के शहरों में रह रहे लोग अपेक्षाकृत ‘‘सुरक्षित’’ माहौल में है और उनके पास बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं। उसने कहा, ‘‘कृपया ध्यान दें कि पानी, भोजन, आवास और बुनियादी सुविधाओं तक पहुंच के साथ यूक्रेन के पश्चिमी शहरों में रहना स्थिति से पूरी तरह अवगत हुए बिना सीमा जांच चौकियों पर पहुंचने के मुकाबले अधिक सुरक्षित है।
दूतावास ने कहा, ‘‘अभी पूर्वी सेक्टर में रह रहे सभी लोगों से अगले आदेश तक अपने निवास स्थान पर ही शांतिपूर्वक रहने तथा जो भी भोजन, पानी और सुविधाएं उपलब्ध हो उनके साथ ही घरों या आश्रय स्थलों के भीतर रहने व धैर्य रखने का अनुरोध किया जाता है।