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बिजलीकर्मियों की सांकेतिक हड़ताल का अंतिम दिन, अनिश्चितकाल के लिए

बिजलीकर्मियों की सांकेतिक हड़ताल का अंतिम दिन, अनिश्चितकाल के लिए खोलेंगे UP सरकार के खिलाफ मोर्चा या निकलेगा आज की बैठक में कोई हल

यूपी में आज बिजलीकर्मियों की सांकेतिक हड़ताल का तीसरा और अंतिम दिन है। बीती रात ऊर्जा मंत्री से वार्ता विफल रहने के बाद आज फिर दोबारा बातचीत होगी। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा और हड़ताली नेताओं के बीच जल निगम के फिल्ड हॉस्टल संगम में बैठक होगी। अगर इस बैठक का कोई नतीजा नहीं निकला तो बिजलीकर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे। वहीं बिजलीकर्मियों की हड़ताल खत्म न होने पर सीएम योगी बेहद नाराज है।

72 घंटे की हड़ताल का आज आखिरी दिन

बता दें कि गुरुवार रात 10 बजे से बिजलीकर्मी  की 72 घंटे की हड़ताल शुरू हुई थी। आज इसका आखिरी दिन है। इस हड़ताल को टालने के लिए ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने दिन में विघुत कर्मचारी संयुक्त संयुक्त समिति के पदाधिकारियों से वार्ता की थी। लेकिन वार्ता बेनतीजा रही, जिसके बाद आंदोलनकारी बिजली कर्मचारियों ने डालीबाग स्थित होटल में सभा की। हड़ताल के चलते राज्य में बिजली सप्लाई को लेकर कोई बाधा न आए, इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्थाओं के अलावा कानून व्यवस्था को भी चौकस कर दिया गया है। हालांकि हड़ताल शुरू होते ही कई जिलों में स्थिति बिगड़ गई है।

वहीं गोंडा में रात भर बिजली कर्मियों का धरना चलता रहा। हंगामें और नारेबाजी के बीच शहर से लेकर गांव तक अँधेरे का साम्राज्य फैल गया है। वहीं रातभर गुलजार रहने वाले बाजार सन्नाटे में डूब गए हैं। गोंडा की 20 लाख आबादी पूर्णतया अँधेरे में है। जबकि 27 पावर हाउसों की बिजली पूरी तरह गुल है। दरअसल अनट्रेंड लोगों से बिजली की आपूर्ति संभल नहीं पा रही है। जिसके चलते 5 दिनों में लोकल फाल्ट की संख्या कई गुना तक बढ़ गई है।

10 बिजली कर्मचारी बर्खास्त, 5 पर FIR…

बता दें कि दिसंबर 2022 में ऊर्जा मंत्री और संघर्ष समिति के बीच हुए लिखित समझौते को लागू नहीं करने के कारण बिजली कर्मचारी विरोध प्रदर्शन पर उतर आए हैं। इन सब के बीच महोबा में हड़ताल कर रहे 10 बिजली कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। जिसमें 5 संविदा तो 5 आउटसोर्स कर्मचारी शामिल हैं। इसके अलावा डीएम ने पाचों संविदा कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज करने के साथ ही संबंधित कंपनी को काली सूची में डालने के आदेश भी दिए हैं।

राष्ट्रीय पदाधिकारियों ने योगी सरकार को दी चेतावनी

वहीं NCCOEEE के राष्ट्रीय संयोजक प्रशांत चौधरी, आल इंडिया फेडरेशन ऑफ पावर डिप्लोमा इंजीनियर्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरके त्रिवेदी, आल इंडिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन के सेक्रेटरी जनरल पी. रत्नाकार राव ने लखनऊ में आंदोलनकारियों की सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय पदाधिकारियों ने चेतावनी दी थी कि शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे बिजली कर्मियों का उत्पीड़न किया गया तो देश भर के 27 लाख बिजलीकर्मचारी सशक्त प्रतिकार करेंगे।

समझौते में किन बिंदुओं पर बनी थी सहमति

जानकारी के लिए बता दें कि ऊर्जा मंत्री और संघर्ष समिति के बीच हुए लिखित समझौते में कुछ प्रमुख बिंदुओं पर बनी सहमति में ऊर्जा निगमों के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक का चयन समिति द्वारा किया जाना चाहिए, बिजली कर्मचारियों के लिए पावर सेक्टर इम्पलाइज प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाना, तीन पदोन्नति पदों के समयबद्ध वेतनमान के लिए आदेश किया जाना, नए विद्युत उपकेंद्रों का निर्माण पारेषण निगम से कराया जाना, पारेषण के विद्युत उपकेंद्रों के परिचालन और अनुरक्षण की आउटसोर्सिंग को बंद करना, भत्तों के पुनरीक्षण और वेतन विसंगतियों का निराकरण किया जाना, संविदा कर्मियों को अलग-अलग निगमों में मिल रहे मानदेय की विसंगति दूर कर मानदेय दिया जाना, प्रदेश में सबसे सस्ती बिजली उपलब्ध कराने वाले विद्युत उत्पादन निगम को ओबरा और अनपरा में 800-800 मेगावाट की दो-दो इकाइयों का काम दिया जाना शामिल है।

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