भूकंप के 3 बड़े झटकों के बाद तुर्की और सीरिया में तबाही मची है। 24 घंटे बीत जाने के बाद भी यहां लाशें मिलने का सिलसिला खत्म नहीं हो रहा है। बड़ी-बड़ी बिल्डिंगों के मलबों के नीचे जिंदगियां तलाशी जा रही हैं। बच्चे, बूढ़े, महिलाएं, जो भी मिल रहा हैं उनकी हालात देख रेस्क्यू टीम के हाथ कांप जा रहे हैं। जैसे ही किसी के जिंदा होने का पता चलता है तो उसे बचाने को कोशिशें और बैचेनी दोनों बढ़ जाती है।
एक महिला को 22 घंटे बाद मलबे से जिंदा निकाला
तुर्की के सानलिउर्फा प्रांत में ऐसा ही देखने को मिला, जब एक महिला को 22 घंटे बाद मलबे से जिंदा बाहर निकाला गया। हालांकि महिला बेहोश हालात में थी। वहीं सीरिया के अलेप्पो में भी लोगों को बिल्डिंग की छतें काटकर बाहर निकाला जा रहा है। ये मंजर दोनों देशों के कई शहरों में दिखाई दे रहा है।
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दोनों देशों में अब तक 4300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं तुर्की में 2921 लोगों की जान जा चुकी है। जबकि 15 हजार से ज्यादा लोगों के घायल होने की सूचना मिली है। वहीं, सीरिया में 1444 लोग मारे गए और 2 हजार से ज्यादा घायल बताए जा रहे हैं।
तुर्की के 10 से ज्यादा प्रांतों में भारी तबाही
तुर्की के 10 से ज्यादा प्रांतों में भारी तबाही मची है। जहां 6217 से ज्यादा इमारतें धराशाही हो गई हैं। भूकंप की वजह से सीरिया में भी ऐसे ही हालात हैं। यहां भूकंप से प्रभावित कई इलाके बशर अल असाद की सरकार और विद्रोहियों के कब्जे में हैं। इसलिए तबाही का सटीक आंकड़ा मिलना मुश्किल हो रहा है।
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सीरियाई सरकार की एजेंसी सना का कहना है कि अलेप्पो शहर में कई ऐतिहासिक इमारतों को भी नुकसान पहुंचा है। UN के प्रवक्ता के स्टीफन दुजारिक के अनुसार नॉर्थ वेस्ट सीरिया में 224 इमारतें ढ़ह गई हैं। जबकि 325 को काफी नुकसान पहुंचा है।
भारत करेगा तुर्की की मदद
वहीं भारत भी तुर्की को हर संभव मदद पहुंचाने में जुटा हुआ है। इसी कड़ी में भारत ने तुर्की की मदद के लिए NDRF की सर्च और रेस्क्यू टीम के साथ रिलीफ मैटिरियल भी भेजने का फैसला लिया है। जिसमें 100 लोग होंगे। इनके साथ ही स्पेशली ट्रेंड डॉग स्कवाड, डॉक्टर्स और पैरामेडिक्स की टीम भी तुर्की भेजी जाएगी। वहीं तुर्की में सरकार ने इस भारी तबाही के बाद 7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है।
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तुर्की के वाइस प्रेसिडेंट फुआत ओक्ते का कहना है कि 10 शहरों में इमरजेंसी और रेड अलर्ट जारी किया गया है। वहीं सभी स्कूल-कॉलेज एक हफ्ते बंद रहेंगे। इसके अलावा 200 फ्लाइट्स रद्द कर दी गई हैं। 16 हजार से ज्यादा बचाव कर्मियों को भूकंप प्रभावित इलाके में भेजा जा चुका है।