नई दिल्ली। यूक्रेन जंग का मैदान बना हुआ है, इस वजह से लोगों आंखों के सामने जिंदगी का संकट नजर आ रहा है. चारो ओर तबाही मची हुई है. यही वजह है कि खुद को बचाने के लिए यूक्रेन छोड़ने वालों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है. संयुक्त राष्ट्र ने अब बयान जारी कर कहा है संघर्ष के चलते यूक्रेन छोड़ने वालों की संख्या एक बार फिर बढ़ गई है. अब तक करीब 8.36.000 लोगों ने देश छोड़ दिया है।
इससे पहले मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के प्रमुख फिलिप्पो ग्रैंडी ने आगाह किया था कि यदि रूस के सैन्य हमले जारी रहे तो यूक्रेन में अपने घरों से भागने वाले असुरक्षित लोगों की संख्या बढ़ती चली जाएगी. ग्रैंडी ने मंगलवार को जिनेवा में पत्रकारों से कहा था कि लोग यूक्रेन से पड़ोसी देशों में भाग गए हैं, जिनमें से लगभग आधे लोग फिलहाल पोलैंड में हैं. उन्होंने कहा कि सीमा पर कई किलोमीटर लंबी कतारें देखी गई हैं और कुछ लोग कई दिन से उन्हें पार करने का इंतजार कर रहे हैं।
ग्रैंडी ने कहा, ‘यदि सैन्य आक्रमण जारी रहा और एक के बाद एक शहरी इलाके प्रभावित होते रहे तो देश छोड़ने वाले असुरक्षित लोगों की संख्या बढ़ने की आशंका है.’ ग्रैंडी ने देश से भाग रहे गैर-यूक्रेनी लोगों के साथ भेदभाव की कथित घटनाओं की निंदा की, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि सरकारी नीतियों के चलते ऐसा नहीं हुआ है. संरा मानवीय समन्वयक मार्टिन ग्रिफिथ्स ने कहा कि गोलाबारी से पहले ही जल आपूर्ति लाइन , विद्युत लाइन और बुनियादी सेवाएं क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं. उन्होंने कहा कि सैंकड़ों परिवार बिना पेयजल आपूर्ति के हैं।