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माता- पिता ने झाड़ी में फेंका तोे बच्ची के लिए देवदूत बनकर आई SHO की पत्नी, फीडिंग कराकर बचाई मासूम की जान

Noida: माता- पिता ने झाड़ी में फेंका तोे बच्ची के लिए देवदूत बनकर आई SHO की पत्नी, फीडिंग कराकर बचाई मासूम की जान

उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में इंसानियत को शर्मासार करने का एक मामला सामने आया है। जहां माता-पिता ने अपनी नवजात बच्ची को इस कड़कड़ाती ठंड के बीच झाड़ियों में फेंककर चले गए। बच्चे के रोने- चिल्लाने की आवाज सुनकर जब पुलिस मौके पर पहुंची तो उन्हें झाड़ियों में कपड़ो से लिपती नवजात बच्चि मिली, जिसकी ठंड की वजह से हालत बहुत ही खराब थी।

SHO की पत्नी ने फीडिंग कराकर बचाई मासूम की जान

बता दें कि इस दौरान SHO की पत्नी ने मानवता पेश करते हुए ठंड में बेसहारा और लावारिस छोड़े गए एक शिशु को अपना दूध पिलाकर उसकी जान बचाई है। भूख और ठंड के कारण बिलख रही मासूम बच्ची रोए जा रही थी। बच्ची को अस्पताल ले जाने से पहले उसे सबसे ज्यादा जिस चीज की जरूरत थी उसका इंतजाम करना आसान नहीं था। तभी इस बच्ची की खबर SHO विनोद सिंह को लगी तो उन्होंने अअपनी पत्नी से बच्ची को फीडिंग कराने के लिए कहा इस पर उन्की पत्नी ज्योति फौरन तैयार हो गई और बच्ची को फीडिंग कराई।

नवजात बच्ची की हालत बताई जा रही बेहतर

वहीं पुलिस ने कहा कि उन्होंने अभी तक बच्ची के माता-पिता के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है जिन्होंने उसे ठंड में इस तरह अकेला छोड़ दिया था। बच्ची की जान बचाने वाली ज्योति के मुताबिक मासूम का शरीर पूरा ठंडा था। वो भूखी होने के साथ कांप रही थी। ऐसे में उन्होंने बच्ची को गर्माहट देने के लिए उसे एक कंबल में समेट कर अपने कलेजे से लगाए रखा। वहीं जब बच्चे को हल्की सी गर्माहट महसूस हुई तो उसने रोना बंद कर दिया। वहीं कुछ देर बाद उसे हस्पिटल में भर्ती करवाया। फिलहाल अब बच्ची की हालत पहले से ज्यादा बेहतर बताई जा रही है।

किसी भी स्थिती में अपने बच्चों का त्याग न करें

SHO की पत्नी ज्योति सिंह ने लोगों से अग्रह किया कि वो किसी भी स्थिती में अपने बच्चों का त्याग न करें। ज्योति ने कहा, मुझे समझ नहीं आ रहा है कि कोई एक बच्चे के साथ ऐसा कैसे कर सकता है? बच्चों को तड़पता देखकर मेरे आंसू निकल आए। मैं उसे भूख से बिलखते नहीं देख सकती थी और इसलिए मैंने फौरन ये फैसला लिया। मैं ये मैसेज देना चाहती हूं कि अगर किसी को अपने बच्चे की देखभाल करने में कोई समस्या है, तो उसे अनाथालय या किसी एनजीओ जैसी सुरक्षित जगह ले जाना चाहिए, जहां उनका सही सं पालन-पोषण हो सके। ऐसा निदनीय काम करने की जरूरत नहीं है।

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