नई दिल्ली। 2024 लोकसभा चुनाव से पहले सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपनी सियासी गतिविधी तेज कर दी है. इसको लेकर देश की मुख्य विपक्षी पार्टी एवं सत्ता का स्वाद सबसे ज्यादा समय तक चखने वाली कांग्रेस के लिए मुश्किल कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. दरअसल सत्ताधारी पार्टी बीजेपी को केंद्र से हटाने के लिए विपक्षी महागठबंधन हुआ, लेकिन कुछ ही महीने में अधिकतर विपक्षी पार्टी के नेताओं को एक मंच पर सजाने वाले नीतीश कुमार ने ही गठबंधन का साथ छोड़ दिया. अब सीट शेयरिंग जैसे मुद्दों की जिम्मेदारी अपने आप कांग्रेस के कंधों पर आ गई. पिछले कुछ दिन के गतिविधियों को देखें तो लगता है कि दलों के साथ गठबंधन में कांग्रेस को कई राज्यों में समझौता करना पड़ रहा है. केरल से भी बड़ी खबर सामने आई है, जिसके अनुसार कांग्रेस के पूर्व पार्टी अध्यक्ष और पार्टी के सबसे बड़े चेहरे राहुल गांधी को वायनाड की सीट छोड़नी पड़ सकती है.
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सत्तारुढ़ पार्टी के लिए छोड़ेंगे वायनाड की सीट
बता दें कि राहुल गांधी अभी केरल के वायनाड से सांसद हैं. लेकिन ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि वो आगामी आम चुनाव में इस सीट से दावा नहीं ठोकेंगे. दरअसल ये सीट वो गठबंधन के नाते केरल की सत्तारुढ़ पार्टी वाम लोकतांत्रिक मोर्चा में शामिल भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के लिए छोड़ेंगे. ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने केरल में 4 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की है. 20 लोकसभा सीटों वाले केरल में कांग्रेस हमेशा से बीजेपी से आगे रही है. लेकिन इस बार भारतीय जनता पार्टी ने भी केरल पर अपना ध्यान लगाया है. इसी कारण पिछले 2 महीनों में पीएम मोदी केरल अपने तीसरे दौरे पर जा रहे हैं.
इन दो सीटों से चुनाव लड़ सकते हैं राहुल गांधी
कई राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि, अगर कांग्रेस नेता राहुल गांधी वायनाड से चुनाव नहीं लड़ेंगे तो वो अन्य दो लोकसभा सीटों से चुनाव लड़ेंगे. एक सीट यूपी का हो सकता है, जबकि दूसरा सीट तेलंगाना या फिर कर्नाटक का हो सकता है. दरअसल पिछली बार राहुल गांधी ने देश के दो लोकसभा सीटों से चुनाव लड़ा था. एक केरल के वायनाड से जबकि दूसरा यूपी के अमेठी से. वायनाड से राहुल गांधी ने 4 लाख से अधिक वोटों से जीत दर्ज की थी, लेकिन अमेठी से उनको भाजपा महिला नेता स्मृति ईरानी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. अमेठी में राहुल गांधी करीब 55000 वोटों से पिछड़े थे.
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