गाजियाबाद। सपा नेता आजम खां के परिवार की करीबी एकता कौशिक के घर चल रही आयकर विभाग के छापे की कार्रवाई चौथे दिन शनिवार को भी जारी रही। हालांकि, बुधवार सुबह सात बजे से लगातार 67 घंटे शुक्रवार रात दो बजे तक दस्तावेज खंगालने के बाद आयकर टीम वापस चली गई थी लेकिन शनिवार शाम चार बजे फिर से आ गई।
वही इस मामले में एकता का कहना है कि 67 घंटे में 15 अफसरों की टीम ने उनसे और उनके परिवारजनों से लगभग 100 सवाल पूछे। उन्होंने पूरा सहयोग करते हुए सभी का जवाब दिया। अफसरों की एक टीम शास्त्रीनगर स्थित मायके में भी पहुंची। वहां भी बुधवार सुबह से शुक्रवार की रात तक दस्तावेज खंगाले गए। उनके घरेलू सहायकों के मोबाइल फोन भी जब्त कर लिए गए हैं। पुलिस की टीम घर के बाहर तैनात है। छापे के दौरान किसी को बाहर जाने की इजाजत नहीं थी
जानिए क्या सवाल पूछे गए
जौहर ट्रस्ट और यूनिवर्सिटी से आपका क्या संबंध है ?, इनसे आप कब से जुड़ी हैं ?, आपकी आय का स्रोत क्या है ?, आपने हाल ही में कई लग्जरी गाड़ियां खरीदी हैं, इनके लिए पैसा कहां से आया ?। उनसे बैंक के खातों, लाॅकर और मोबाइल फोन की जानकारी भी ली गई।
चलिए आपको बताते है आखिर एकता कौशिक आजम खां के बेटे अदीब से कैसे मिली
दरअसल, वर्ष 2009 में एकता कौशिक ने नोएडा फिल्म सिटी स्थित मारवाह स्टूडियो में ज्वैलरी डिजाइनिंग का कोर्स करने के लिए दाखिला लिया था। वहीं आजम खां के बेटे अदीब ने मॉडलिंग के कोर्स में। यहीं दोनों की दोस्ती हुई। इसके बाद एकता और अदीब का एक-दूसरे के घर आना जाना व परिवार के सदस्यों से परिचय हुआ।
एकता कौशिक के पिता सुरेंद्र कौशिक जीडीए के लेखा अनुभाग में अकाउंटेंट थे और ससुर परितोष शर्मा अवर अभियंता। सुरेंद्र कौशिक जीडीए से ही सेवानिवृत्त हुए हैं। स्वर्णजयंती पुरम भूखंड आवंटन घोटाले में उनका नाम शामिल है।
सपा कार्यकाल में एकता कौशिक ने अपने राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल करते हुए मामला खत्म कराने का पूरा प्रयास किया। अधिकारियों को आजम खान ने सीधे फोन भी किए, लेकिन हाई कोर्ट में विचाराधीन होने के चलते मामले में कुछ नहीं हो सका। वहीं आजम खान से अच्छे रिश्ते होने का उन्हें खूब फायदा मिला। परिवार का कारोबार कई गुना बढ़ा। आजम खान के जरिए ही वह पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व उनकी पत्नी डिंपल यादव से मिली थी और उनके इनसे भी अच्छे संबंध हो गए थे। एकता भी रिश्ते निभाने में पीछे नहीं रही। पिछले दिनों जब आजम खान का परिवार संकट के दौर से गुजर रहा था। आजम खान जेल में थे तो एकता ने उनकी पूरी मदद की। सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ताओं से मिलकर मजबूती से पैरवी की थी।