Arvind Kejriwal: दिल्ली के मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal को 156 दिनों के लंबे जेल प्रवास के बाद सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। दिल्ली शराब नीति घोटाले के तहत सीबीआई द्वारा की गई गिरफ्तारी के खिलाफ दायर याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। एक ओर, कोर्ट ने सीबीआई की गिरफ्तारी को वैध ठहराया, वहीं दूसरी याचिका पर केजरीवाल को जमानत मिल गई। हरियाणा विधानसभा चुनावों से पहले यह रिहाई आम आदमी पार्टी (आप) के लिए सियासी लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।
सुप्रीम कोर्ट का निर्णय
सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की दो याचिकाओं पर सुनवाई की। पहली याचिका में सीबीआई द्वारा की गई गिरफ्तारी को चुनौती दी गई थी, जिसे अदालत ने सही ठहराया। हालांकि, दूसरी याचिका में केजरीवाल की जमानत याचिका पर फैसला उनके पक्ष में आया, जिससे उन्हें जेल से रिहा किया गया।
इससे पहले, 5 सितंबर को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज का निर्णय आम आदमी पार्टी (आप) के लिए सियासी रूप से अहम साबित हो सकता है, खासकर हरियाणा विधानसभा चुनावों से ठीक पहले केजरीवाल की रिहाई के चलते पार्टी को नई ऊर्जा मिल सकती है।
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गिरफ्तारी और 156 दिनों का जेल प्रवास
Arvind Kejriwal को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। इसके बाद, उन्हें 10 दिन की पूछताछ के बाद 1 अप्रैल को तिहाड़ जेल भेज दिया गया था। मई में, उन्हें 21 दिन के लिए चुनाव प्रचार के उद्देश्य से रिहा किया गया, लेकिन बाद में फिर से जेल भेजा गया। कुल मिलाकर, केजरीवाल ने 156 दिन जेल में बिताए।
हरियाणा चुनावों पर असर
Arvind Kejriwal की रिहाई ऐसे समय पर हुई है जब हरियाणा में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। आम आदमी पार्टी के लिए यह फैसला महत्वपूर्ण हो सकता है, क्योंकि उनकी रिहाई से पार्टी के प्रचार में जोर आएगा। केजरीवाल का हरियाणा में काफी प्रभाव है, और उनकी रिहाई के बाद पार्टी की रणनीतियों में तेजी आ सकती है।
आप के कार्यकर्ताओं और समर्थकों के बीच इस निर्णय से उत्साह का माहौल है, और यह देखा जा रहा है कि केजरीवाल की वापसी किस प्रकार हरियाणा चुनावों में आप के लिए मददगार साबित हो सकती है।