Lunar Cave: चांद पर मिली गुफा: अंतरिक्ष यात्रियों के लिए नया ठिकाना?

इटली के वैज्ञानिकों के नेतृत्व वाली एक टीम ने सोमवार को कहा कि चांद पर एक बड़ी गुफा के सबूत मिले हैं। यह गुफा अपोलो 11 के लैंडिंग पॉइंट से सिर्फ 250 मील (400 किलोमीटर) दूर सी ऑफ ट्रैंक्विलिटी में स्थित है।

Lunar Cave

Lunar Cave: पृथ्वी के बाद मंगल और चंद्रमा (Lunar Cave) हमेशा से वैज्ञानिकों के लिए दिलचस्प विषय रहे हैं। चांद को छूने और उस पर अंतरिक्ष यान उतारने के बाद अब वहां लोगों को बसाने की कोशिशें चल रही हैं। समय-समय पर चांद के बारे में कई दिलचस्प जानकारियां सामने आती रही हैं। अब वैज्ञानिकों ने चांद पर एक गुफा के अस्तित्व की पुष्टि की है। यह गुफा उस जगह से ज्यादा दूर नहीं है, जहां 55 साल पहले 1969 में अपोलो 11 से अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग और बज़ एल्ड्रिन उतरे थे। वैज्ञानिकों को यहां 100 मीटर लंबी गुफा मिली है, जो भविष्य में इंसानों के लिए स्थायी घर साबित हो सकती है।

यह गुफा (Lunar Cave) कैसे खोजी गई?

इटली के वैज्ञानिकों के (Lunar Cave)  नेतृत्व वाली एक टीम ने सोमवार को कहा कि चांद पर एक बड़ी गुफा के सबूत मिले हैं। यह गुफा अपोलो 11 के लैंडिंग पॉइंट से सिर्फ़ 250 मील (400 किलोमीटर) दूर सी ऑफ़ ट्रांक्विलिटी में स्थित है। वैज्ञानिकों के अनुसार, भविष्य में चांद पर ऐसी सैकड़ों गुफाएँ हो सकती हैं, जिनमें अंतरिक्ष यात्री शरण ले सकते हैं।

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चांद पर गुफा (Lunar Cave) की खोज किसने की?

इटली के ट्रेंटो विश्वविद्यालय के लोरेंजो ब्रूज़ोन और लियोनार्डो कैरर ने रडार (Lunar Cave)  की मदद से चांद पर इस गुफा की खोज की है। रडार की मदद से उन्होंने चांद की चट्टानी सतह पर एक छेद से अंदर देखने की कोशिश की। यह गुफा इतनी विशाल है कि इसे धरती से बिना किसी उपकरण के देखा जा सकता है। चांद की सतह की ओर गुफा में एक रोशनदान है, जो शायद आगे भूमिगत हो।

(Lunar Cave) गुफा का महत्व:

चांद (Lunar Cave) पर अर्ध-स्थायी क्रू बेस बनाने की तैयारी में नासा

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी (Lunar Cave)  नासा का लक्ष्य चांद पर अर्ध-स्थायी क्रू बेस बनाना है। चीन और रूस ने भी चंद्र अनुसंधान चौकियाँ बनाने में रुचि दिखाई है। लेकिन स्थायी चंद्र बेस केवल ब्रह्मांडीय विकिरण से सुरक्षित वातावरण और स्थिर तापमान में ही स्थापित किया जा सकता है।

नासा ने कहा कि चांद पर गुफाओं में रहना भी भविष्य में संभव हो सकता है। ये गुफाएँ अनिवार्य रूप से लावा ट्यूबों की तरह होंगी। जब पिघला हुआ लावा ठोस लावा के नीचे बहता है या बहते लावा के ऊपर एक परत बनता है, तो लावा ट्यूब बनता है। इसके परिणामस्वरूप एक खोखली सुरंग बनती है।

ऐसा माना (Lunar Cave)  जाता है कि ऐसी गुफाएँ आपातकालीन चंद्र आश्रय का निर्माण कर सकती हैं, क्योंकि अंतरिक्ष यात्री हानिकारक ब्रह्मांडीय विकिरण, सौर विकिरण और सूक्ष्म उल्कापिंडों से सुरक्षित रहेंगे।

यह खोज चांद की खोज और भविष्य में वहां मानव उपस्थिति के लिए क्या मायने रखती है?

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