लखनऊ। अयोध्या में आज राम मंदिर में रामलला के विग्रह का प्राण प्रतिष्ठा होगा। जिसको लेकर पूरे देश में उत्सव का माहौल है। देश रामधुन से गूंज रही है। जगह जगह पर भजन-कीर्तन और पूजा -भंडारा हो रहे हैं। अयोध्या के इस समारोह में भाग लेने और इस भव्य उत्सव के साक्षी होने के लिए देश-विदेश से कई अतिथि अयोध्या पहुंच रहें हैं। इनमें संघ प्रमुख मोहन भागवत, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, मुकेश-नीता अंबानी, गौतम अडाणी, अमिताभ बच्चन, रजनीकांत आदि शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह 10 बजकर 20 मिनट पर अयोध्या पहुंचेंगे।
कार्यक्रम की शुरुआत 22 जनवरी को मंगल ध्वनि से होगी। इस दौरान विभिन्न राज्यों के 50 से ज्यादा वाद्ययंत्र सुबह 10 बजे से स्वर लहरियां बिखेरेंगे। जानिए प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में कब क्या होगा?
84 सेकेंड का शुभ मुहूर्त जिसमें प्राण प्रतिष्ठा
राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए सिर्फ 84 सेकंड का मुहूर्त होगा।प्राण प्रतिष्ठा के लिए यह मुहूर्त काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने चुना है। शुभ मुहूर्त का यह क्षण 84 सेकंड का होगा, जो 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से लेकर 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक रहेगा।
प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में कब क्या होगा
- सुबह 8 से 9- रामलला को मंत्रों द्वारा जगाया जाएगा
- सुबह 10 बजे – मंगल ध्वनि गाई जाएगी।
- सुबह 10:30 – प्रधानमंत्री अयोध्या पहुंचेंगे।
- सुबह 11 से 12:55 तक – कार्यक्रम में आमंत्रित अतिथियों का स्वागत, गर्भ गृह में पूजा, वेद- मंत्रों द्वारा मंगलाचरण।
- दोपहर 1 बजे – प्रधानमंत्री अतिथियों को संबोधित करेंगें।
- दोपहर 2:15 प्रधानमंत्री कुबेर टीला पर शिव मंदिर में पूजा करेंगे।
- दोपहर 2:30 – मंडप में वसोरधारा पूजन होगा, शुक्ल यजुर्वेद, ऋग्वेद शाखा आदि का होम और पारायण होगा।
- शाम 5से 6 – पूर्णाहुति यज्ञ कर देवताओं कआ विसर्जन
- शाम 7 बजे – रामलला के दर्शन।
6 दिन चले अनुष्ठान में क्या क्या हुआ।
- 16 जनवरी – रामलला के प्रायश्चित्त और कर्मकूटि पूजन
- 17 जनवरी – रामलला की नई मूर्ति मंदिर परिसर में प्रवेश
- 18 जनवरी – तीर्थ पूजन, जल यात्रा, जलाधिवास और गंधाधिवास के साथ ही श्रीरामलला विग्रह अपने स्थान पर विराजमान हुए
- 19 जनवरी – औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास, धान्याधिवास
- 20 जनवरी – शर्कराधिवास, फलाधिवास, पुष्पाधिवास
- 21 जनवरी – मध्याधिवास और शैय्याधिवास