बजट में नीतीश की तरह शिंदे को भाव क्यों नहीं मिला, और NDA में महाराष्ट्र मुख्यमंत्री का समय क्यों नहीं मिला? ये आंकड़ों का गणित है।

Maharashtra Assembly Election 2024:महाराष्ट्र के नेताओं ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण पर भेदभाव का आरोप लगाया है, हालांकि बजट में बिहार और आंध्र का पूरा ध्यान रखा गया था।

Union Budget 2024: मोदी 3.0 के पहले बजट में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिहार और आंध्र प्रदेश का पूरा ध्यान रखा। यह स्पष्ट है कि मोदी 3.0 को चलाने के लिए नितीश कुमार और चंद्रबाबू की जरूरत सबसे ज्यादा है। लेकिन क्या नरेंद्र मोदी और बीजेपी को एनडीए के किसी और सहयोगी की जरूरत नहीं है?

बजट घोषणा के बाद, महाराष्ट्र के विपक्षी नेताओं ने महाराष्ट्र की उपेक्षा का आरोप लगाया है। एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हैं और सरकार बीजेपी के साझेदारी में चल रही है। यह स्पष्ट है कि विपक्ष के हमले से एकनाथ शिंदे असहज हैं, तो आने वाले दिनों में महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव भी होंगे, फिर बीजेपी ने सीएम शिंदे को नितीश और चंद्रबाबू नायडू की तरह महत्व क्यों नहीं दिया।

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महाराष्ट्र में विपक्ष ने साधा निशाना

महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि ‘बिहार और आंध्र प्रदेश को अच्छा फंड मिला है। ताकि बीजेपी की कुर्सी बची रहे। लेकिन महाराष्ट्र, जो देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, उसे नजरअंदाज कर दिया गया है। आंध्र और बिहार को दी गई प्राथमिकता ने दिखा (Union Budget 2024)  दिया कि दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री एनडीए में प्रभाव रखते हैं। सीएम एकनाथ शिंदे और अजित पवार भी एनडीए का हिस्सा हैं। लेकिन महाराष्ट्र को कुछ ठोस नहीं मिला। इससे यह साबित होता है कि सीएम शिंदे और अजित पवार का एनडीए में कोई प्रभाव नहीं है।

एनसीपी (शरद पवार) नेता सुप्रिया सुले ने कहा कि वित्त मंत्री ने महाराष्ट्र का नाम तक नहीं लिया। फंड की बात तो दूर की बात है। शिवसेना यूबीटी नेता उद्धव ठाकरे ने भी महाराष्ट्र के साथ भेदभाव का मुद्दा उठाया।

शिंदे सेना एनडीए में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी

यदि लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद एनडीए सहयोगियों के आंकड़ों को देखें, तो एकनाथ शिंदे की पार्टी एनडीए की तीसरी सबसे बड़ी सहयोगी है। बीजेपी के पास 240 सांसद हैं। टीडीपी के 16 सांसद हैं। जेडीयू के 12 और एकनाथ शिंदे के 7 सांसद हैं। चिराग पासवान के 5 सांसद हैं। इसके बाद अन्य पार्टियों की बारी आती है, जिनके एक या दो सांसद हैं। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी अपनी पार्टी के इकलौते सांसद हैं।

एनडीए के पास भारी टीडीपी, नितीश और चिराग

यदि टीडीपी, चिराग, मांझी और जेडीयू के सीटों को जोड़ें, तो यह संख्या 34 होती है। बीजेपी के 240 सांसदों को मिलाकर कुल आंकड़ा 274 हो जाता है। यह स्पष्ट है कि बीजेपी इन पार्टियों के बारे में चिंतित है। यदि एनडीए के कुल (Union Budget 2024)  आंकड़े 293 से इन चार पार्टियों के सांसदों को हटा दें, तो यह आंकड़ा 260 से कम हो जाता है। बहुमत के लिए 272 सांसदों की जरूरत होती है। इससे यह स्पष्ट है कि बिहार सहयोगियों की एकनाथ शिंदे से ज्यादा जरूरत है। इसका मतलब है कि चंद्रबाबू नायडू, नितीश, चिराग और मांझी बीजेपी के लिए एकनाथ शिंदे से ज्यादा महत्वपूर्ण हैं।

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महाराष्ट्र में सीटों की लड़ाई

आने वाले दिनों में महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होंगे। यह निश्चित है कि बीजेपी और एकनाथ शिंदे चुनाव लड़ेंगे। लेकिन एकनाथ शिंदे 100 सीटों की मांग कर रहे हैं। उन्होंने तैयारियों को तेज कर दिया है और 110 प्रभारी नियुक्त किए हैं। यह स्पष्ट है कि एकनाथ शिंदे (Union Budget 2024) बीजेपी के साथ सौदेबाजी में पीछे नहीं हटेंगे। वहीं, बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व को अजित पवार का भी ध्यान रखना होगा। अगर शिंदे अपनी मांग पर अड़े रहे, तो बीजेपी को मुश्किलों का सामना करना निश्चित है।

आंध्र और बिहार को क्या मिला?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में 3 नए एक्सप्रेसवे दिए हैं। इनके निर्माण पर 26 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। तीन एक्सप्रेसवे में पटना-पूर्णिया, बक्सर-भागलपुर और वैशाली-बोधगया एक्सप्रेसवे शामिल हैं। इसके अलावा, बक्सर में गंगा नदी पर एक दो-लेन पुल भी आवंटित किया गया है। भागलपुर में पावर प्लांट के लिए 21 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। साथ ही सिंचाई के लिए 11,500 करोड़ रुपये दिए गए हैं। पर्यटन के लिहाज से, गया में विष्णुपद मंदिर और बोधगया में महाबोधि मंदिर को तीर्थस्थल के रूप में विकसित किया जाएगा।

वित्त मंत्री ने आंध्र प्रदेश को राजधानी अमरावती के लिए 15 हजार करोड़ रुपये दिए हैं। विशाखापट्टनम-चेन्नई औद्योगिक गलियारे में कोप्पर्थी क्षेत्र और हैदराबाद-बेंगलुरु औद्योगिक गलियारे में ओरवाकल क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के लिए आवंटन किए गए हैं। इसके साथ ही, पूर्वोदय योजना की घोषणा बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र के लिए की गई है, जो प्राकृतिक संसाधनों और सांस्कृतिक परंपराओं से समृद्ध हैं।

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