गुड्डू, मुन्ना, छोटू नामों से क्या पता चलेगा…पुलिस के किस फैसले पर अखिलेश ने उठाए सवाल?

मुजफ्फरनगर पुलिस द्वारा जारी किए गए निर्देशों पर अभी भी बहस चल रही है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने न्यायालय से इस मामले में स्वतंत्र संज्ञान लेने की अपील की है। उन्हें लगता है कि यह आदेश सामाजिक अपराध है।

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UP News: उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा की तैयारियां शुरू हो गई हैं। मुजफ्फरनगर पुलिस ने इसे लेकर निर्देश जारी किया था, जिसके अनुसार यात्रा के रूट पर पड़ने वाले सभी होटल, ढाबे और फल विक्रेताओं को अपनी दुकानों और ठेलों पर मालिक का नाम चिपकाना होगा। इस आदेश को लेकर विपक्षी दलों के नेता लगातार यूपी सरकार पर निशाना साध रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने भी कांवड़ यात्रा को लेकर जारी इस आदेश की आलोचना की है। उन्होंने कोर्ट से भी इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है और लिखा है कि, “माननीय कोर्ट को स्वत: संज्ञान लेकर ऐसे प्रशासन के पीछे (UP News) सरकार की मंशा की जांच कर उचित दंडात्मक कार्रवाई करनी चाहिए।

ऐसे आदेश सामाजिक अपराध हैं, जो सौहार्द के शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ना चाहते हैं। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पूछा है कि किसी व्यक्ति का नाम गुड्डू, मुन्ना, छोटू या फतेह हो तो उसका क्या अर्थ होगा?

विपक्षी नेताओं ने भाजपा पर साधा निशाना

AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने पहले ही इस फैसले का विरोध करते हुए (UP News) इसे हिटलरशाही बताया था। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने कहा है कि हर खाद्य पदार्थ की दुकान और ठेले वाले को अपने नाम का बोर्ड लगाना होगा, ताकि कोई कांवड़िया गलती से भी मुस्लिम दुकान से कुछ नहीं खरीद सकता। ओवैसी ने आगे लिखा कि दक्षिण अफ्रीका में इसे रंगभेद कहा जाता था और हिटलर के जर्मनी में इसे जूडेन बॉयकॉट (यहूदियों का बहिष्कार) कहा जाता था।

इसके अलावा कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी भाजपा सरकार पर (UP News) निशाना साधा और प्रशासन के फैसले की आलोचना करते हुए इसे सरकार प्रायोजित कट्टरता करार दिया। पवन खेड़ा ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा है कि हम देश को अंधकार युग में वापस नहीं जाने दे सकते।

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कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए लिया गया फैसला- पुलिस

मुजफ्फरनगर के एसएसपी अभिषेक सिंह का कहना है कि कानून व्यवस्था को देखते हुए (UP News) यह फैसला लिया गया है। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, “कांवड़ यात्रा की तैयारियां शुरू हो गई हैं, हमारे जिले में करीब 240 किलोमीटर का रूट है, ऐसे में सभी ढाबों और खाद्य सामग्री बेचने वालों से कहा गया है कि वे अपनी दुकान पर काम करने वाले व्यक्ति या मालिक का नाम बोर्ड पर लिखें।” उन्होंने कहा कि यह निर्देश इसलिए दिया गया है ताकि किसी कांवड़िए के मन में कोई भ्रम न रहे और कानून व्यवस्था बनी रहे।

आपको बता दें कि हर साल सावन के महीने में भगवान शिव के भक्त गंगा तट पर जाते हैं। इस दौरान सात्विक भोजन पर विशेष ध्यान दिया जाता है और यह यात्रा अक्सर नंगे पैर की जाती है। दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा के रूट पर बड़ी संख्या में कांवड़िए यात्रा करते हैं।

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