मणिपुर हिंसा को लेकर आक्रोश हर किसी के अंदर है, वही जहां एक तरफ मणिपुर अभी हिंसा की आग में जल रहा है तो वहीं दूसरी तरफ संसद सत्र में लगातार इस मुद्दे पर हंगामा देखा जा रहा है। बता दें कि संसद सत्र के दौरान विपक्षी दल लगातार इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सदन में बयान देने की मांग कर रहे हैं। विपक्ष ने आज फिक से सरकार को सदन में घेरने की रणनीति तैयार की हैतो वहीं सत्ता पक्ष भी राजस्थान और पश्चिम बंगाल को लेकर हमलावर है।
बता दें कि इस बीच समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने एक बार फिर से मणिपुर मुद्दे को लेकर अपना बयान जारी किया है। बसपा सुप्रीमो ने इसे लेकर सरकार और विपक्षी दोनों के रवैये पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर एक-दूसरे को नीचा दिखाने के बजाय समस्या का हल ढूंढा जाए।
2.मणिपुर पर चर्चा पर सहमति के बावजूद संसद के चालू सत्र के पहले दो दिन का समय नियम विवाद को लेकर बर्बाद हो जाना दुखद व दुर्भाग्यपूर्ण। सरकार-विपक्ष आरोप-प्रत्यारोप व एक-दूसरे को नीचा दिखाने के बजाय समस्या का हल ढूंढने का सामूहिक प्रयास करें। मणिपुर पर चर्चा व सरकारी वक्तव्य जरूरी।
— Mayawati (@Mayawati) July 24, 2023
मणिपुर में दो महिलाओं के साथ किए बर्बर रवैये को लेकर मायावती लगातार सवाल उठा रही है। वहीं उन्होंने इस मु्द्दे पर दोनों पक्षों को राजनीति न करने की सलाह दी है। मायावती ने कहा है कि ,”मणिपुर के हालात लगातार गंभीर व चिंताजनक बने रहने के कारण इसका दुष्प्रभाव व पलायन पड़ोसी राज्यों पर भी पड़ना स्वाभाविक, जिसको लेकर संसद में चर्चा नहीं हो पाने से स्थिति विषम. शान्ति की बहाली, लोगों की सुरक्षा व उनके जख्मों पर मरहम लगाकर क्षेत्र में जनजीवन सामान्य बनाना जरूरी है।”
मायावती ने सरकार और विपक्ष पर दागे सवाल
वहीं मायावती ने आगे कहा है कि, “मणिपुर पर चर्चा पर सहमति के बावजुद संसद के चालू सत्र के पहले दो दिन का समय नियम विवाद को लेकर बर्बाद हो जाना दुखद व दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार-विपक्ष आरोप-प्रत्यरोप व एक दूसरे को नीचा दिखाने के बजाय समस्या का हल ढूंढने का सामूहिक प्रयास करें. मणिपुर पर चर्चा व सरकारी वक्तव्य जरूरी है।”