Boeing Stock Crash After Ahmedabad Plane Accident : एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के अहमदाबाद में क्रैश होने की खबर ने न सिर्फ भारत को बल्कि अमेरिका के शेयर बाजार को भी हिला कर रख दिया। खासतौर पर इस विमान को बनाने वाली कंपनी बोइंग (Boeing) के शेयरों में ज़बरदस्त गिरावट देखी गई।
बोइंग के शेयरों में भारी गिरावट
विमान हादसे की खबर सामने आने के बाद प्री-मार्केट ट्रेडिंग में बोइंग के शेयर करीब 8% तक गिर गए। बुधवार को बाजार बंद होने तक बोइंग के शेयर करीब 214 डॉलर पर ट्रेड कर रहे थे, लेकिन हादसे के बाद ये गिरकर 197 डॉलर से नीचे आ गए। इस गिरावट के चलते कंपनी की बाजार पूंजी यानी मार्केट कैप करीब 1 लाख करोड़ रुपये (12 बिलियन डॉलर) से भी ज्यादा घट गई है। बोइंग की वैल्यू अब 149 बिलियन डॉलर के आसपास आ गई है।
आगे क्या हो सकता है?
जांच में शामिल होगी बोइंग भारत में DGCA और अन्य एजेंसियों के साथ-साथ बोइंग भी इस हादसे की जांच में शामिल होगी। अगर किसी तरह की तकनीकी गड़बड़ी सामने आती है, तो कंपनी की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। अमेरिका में FAA की निगरानी सख्त हो सकती है।अमेरिकी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) पहले से बोइंग पर सख्त निगरानी रख रही है। इस हादसे के बाद उन पर और दबाव बढ़ सकता है। स्टॉक में अस्थिरता बनी रह सकती है
अगर जांच के दौरान बोइंग की किसी लापरवाही का सबूत मिलता है, तो उसके शेयर और नीचे जा सकते हैं।
भारतीय शेयर बाजार भी आया झटके में
इस हादसे का असर भारतीय बाजार पर भी पड़ा। गुरुवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 823 अंक गिरकर 81,691.98 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में यह 991 अंकों तक गिरा था। निवेशकों को बड़ा नुकसान हुआ है।
एविशन एक्सपर्ट बोले,हादसा टाला जा सकता था
एविएशन एक्सपर्ट यशवंत शिनॉय का कहना है कि यह हादसा रोका जा सकता था, लेकिन DGCA की लापरवाही ने इसे होने दिया। उन्होंने कुछ गंभीर मुद्दों की ओर इशारा किया।
एयरपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी
भारत के ज्यादातर एयरपोर्ट्स के पास खाली जगह नहीं होती, जैसा कि नियमों में लिखा है। एयरपोर्ट के आसपास रिहायशी इलाकों की भरमार है, जिससे टेकऑफ और लैंडिंग में खतरा रहता है।
पायलट्स पर दबाव
कंपनियां पायलट्स पर ईंधन बचाने का दबाव डालती हैं। सुरक्षित लैंडिंग के लिए ज़रूरी फ्लैप-4 लैंडिंग करने से उन्हें रोका जाता है। इससे हादसे की आशंका और बढ़ जाती है।
रनवे से जुड़ी दिक्कतें
कुछ रनवे जैसे मुंबई के रनवे नंबर 16 और 34 को विदेशी पायलट्स ने ब्लैकलिस्ट किया है क्योंकि टेकऑफ और लैंडिंग के समय सामने बिल्डिंग आ जाती हैं। मगर भारतीय पायलट्स को मजबूरन इनका इस्तेमाल करना पड़ता है।
पुराने इंजनों का इस्तेमाल
भारत में अब भी कुछ विमानों में ऐसे इंजन लगे हैं जिन्हें दूसरे देशों में बैन कर दिया गया है। यह सीधी सुरक्षा से समझौता है।
पार्ट्स की अदला-बदली
कई कंपनियां पुराने विमानों से पार्ट्स निकालकर उन्हें दूसरी उड़ानों में लगाती हैं, जो नियमों के खिलाफ है। DGCA इसे नजरअंदाज करता है।
स्टाफ की भारी कमी
कई एयरलाइनों में स्टाफ की भारी कमी है। ओवरटाइम,अनट्रेंड टेक्नीशियन और कम ग्राउंड स्टाफ से काम लिया जाता है, जिससे लापरवाहियां बढ़ जाती हैं।