Credit Card and Rising Expenses: आजकल हर किसी के पास क्रेडिट कार्ड होता है, जो जरूरत के वक्त बहुत काम आता है। लेकिन अक्सर लोग इसका इस्तेमाल छोटे-छोटे खर्चों के लिए भी करने लगते हैं। शुरुआत में तो ये खर्चे कम लगते हैं, लेकिन महीने के आखिर में जब बिल सामने आता है, तो वही छोटे खर्च एक बड़ा बोझ बन जाते हैं। कई बार ये बिल इतना ज्यादा हो जाता है कि पूरा चुकाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में लोग लोन लेने लगते हैं या किस्तों में भुगतान करते हैं, जिससे धीरे-धीरे उन पर कर्ज का बोझ बढ़ता जाता है।
आंकड़े बताते हैं चिंता की बात
CRIF हाई मार्क की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में क्रेडिट कार्ड का बकाया पैसा 44% बढ़कर ₹33,866 करोड़ से ज्यादा हो गया है। मार्च 2024 में यह रकम ₹23,475 करोड़ थी। यानी सिर्फ एक साल में ₹10,410 करोड़ का इजाफा हुआ है।
यह बकाया वही है जो लोग 91 से 180 दिनों तक चुका नहीं पाए हैं। बैंकिंग नियमों के अनुसार इसे खराब कर्ज या एनपीए (NPA) कहा जाता है। ये आंकड़े साफ दिखाते हैं कि लोग क्रेडिट कार्ड पर जरूरत से ज्यादा निर्भर हो रहे हैं, लेकिन समय पर भुगतान नहीं कर पा रहे।
कर्ज से बचाएंगी ये आसान आदतें
समय पर बिल चुकाएं: अगर आप समय पर क्रेडिट कार्ड का बिल या EMI नहीं भरते हैं, तो बैंक भारी ब्याज वसूलते हैं। इससे आपका क्रेडिट स्कोर भी खराब हो जाता है। इसलिए हमेशा तय तारीख से पहले भुगतान कर देना चाहिए।
लिमिट के अंदर खर्च करें: क्रेडिट कार्ड की पूरी लिमिट का इस्तेमाल करने से बचें। कोशिश करें कि 30% से ज्यादा उपयोग न करें। जैसे अगर आपकी लिमिट ₹1 लाख है, तो ₹30,000 से ज्यादा खर्च न करें।
खर्चों पर नजर रखें: क्रेडिट कार्ड से कब, कितना और कहां खर्च हो रहा है, इसका हिसाब रखें। महीने की एक सीमा तय करें और उसी के अंदर खर्च करें।
शर्तें समझें: क्रेडिट कार्ड की शर्तें, ब्याज दर और बिलिंग डेट को अच्छे से समझें। अगर कोई बात समझ न आए, तो तुरंत बैंक से संपर्क करें।
जितना चुका सकें, उतना ही खर्च करें: क्रेडिट कार्ड को कभी उधार की तरह न देखें। जितना पैसा आप अगले महीने आराम से चुका सकें, उतना ही खर्च करें।
क्रेडिट कार्ड अगर सही तरीके से इस्तेमाल न किया जाए, तो यह आपको कर्ज में डुबो सकता है। थोड़ी सी समझदारी और खर्चों पर कंट्रोल रखकर आप खुद को इस जाल से बचा सकते हैं और आर्थिक रूप से मजबूत बन सकते हैं।