Chief Justice of India: शनिवार को राष्ट्रपति भवन में जस्टिस उदय उमेश ललित ने भारत के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के पद पर शपथ ग्रहण की. इस दौरान राष्ट्रपति दौपदी मुर्मू भी मौजूद रहीं. सीजेआई जस्टिस उदय उमेश ललित ने देश के 49वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली है. वह अगले 75 दिन तक सुप्रीम कोर्ट की अगुवाई करेंगे. इसके बाद देश के 50वें चीफ जस्टिस के रूप में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ इस पद को संभालेंगे.
ये तीन काम रहेंगे जस्टिस यूयू ललित की प्राथमिकता पर
वहीं कल शुक्रवार को हुए जस्टिस एनवी रमना के विदाई समारोह में बोलते हुए जस्टिस यूयू ललित ने कि वह मुख्य न्यायाधीश के अपने 74 दिनों के कार्यकाल के दौरान तीन क्षेत्रों पर काम करने की इच्छा रखते हैं। उन्होंने कहा कि वे यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे कि सुप्रीम कोर्ट में कम से कम एक संविधान पीठ साल भर काम करे। साथ ही शीर्ष अदालत में सुनवाई के लिए मामलों को सूचीबद्ध करना और जरूरी मामलों को मेंशन करना उनकी प्राथमिकता में से एक रहेगा।
वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट जज बने हैं नए CJI
सौम्य स्वभाव के लिए पहचाने जाने वाले ललित ऐसे दूसरे चीफ जस्टिस होंगे जो सुप्रीम कोर्ट का जज बनने से पहले किसी हाईकोर्ट के जज नहीं थे, बल्कि सीधे वकील से इस पद पर पहुंचे हैं. उनसे पहले 1971 में देश के 13वें मुख्य न्यायाधीश एस एम सीकरी ने यह उपलब्धि हासिल की थी.
74 दिन का होगा कार्यकाल
यूयू ललित का कार्यकाल कुल 74 दिन (8 नवंबर 2022 तक) का होगा. इससे पहले नामित सीजेआई ने शुक्रवार को निवर्तमान सीजेआई एनवी रमणा के विदाई समारोह में अपने कार्यकाल का विजन रखा और बताया कि वे किन तीन मसलों पर पूरी तरह फोकस रखेंगे.
कॉलेजियम का नेतृत्व करेंगे जस्टिस ललित
सीजेआई के रूप में जस्टिस ललित उस कॉलेजियम का नेतृत्व करेंगे, जिसमें जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस कौल, जस्टिस नजीर और जस्टिस इंदिरा बनर्जी भी शामिल होंगी. हालांकि हाई कोर्ट के जजों की नियुक्ति के लिए जस्टिस ललित के साथ जस्टिस चंद्रचूड़ और जस्टिस संजय किशन कौल होंगे. जस्टिस बनर्जी के 23 सितंबर को रिटायर होने के साथ ही जस्टिस केएम जोसेफ कॉलेजियम के सदस्य के तौर पर प्रवेश करेंगे. जस्टिस ललित 74 दिन बाद 8 नवंबर को सीजेआई के पद से सेवानिवृत्त होंगे. इसके बाद जस्टिस चंद्रचूड़ 50वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर नियुक्त होंगे. उनका कार्यकाल पूरे दो वर्ष का होगा.
क्रिमिनल लॉ के स्पेशलिस्ट माने जाते हैं जस्टिस यूयू ललित
जस्टिस उदय उमेश ललित क्रिमिनल लॉ के स्पेशलिस्ट माने जाते हैं। उन्हें 13 अगस्त 2014 को सीधे बार से सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था। इसके बाद उन्हें मई 2021 में राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया। वे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत सभी 2G मामलों में CBI के पब्लिक प्रोसिक्यूटर के रूप में ट्रायल्स में हिस्सा ले चुके हैं। वे दो कार्यकालों के लिए सुप्रीम कोर्ट की लीगल सर्विस कमेटी के सदस्य के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
पिता रह चुके हैं बॉम्बे हाईकोर्ट के जज
जस्टिस यूयू ललित को कानून और न्याय का ज्ञान उन्हें अपने परिवार की विरासत में मिला है। जस्टिस ललित के दादा रंगनाथ ललित एक जाने-माने वकील रहे हैं। न्याय के क्षेत्र के इस सफर को उनके बेटे आरयू ललित ने एक कदम और आगे बढ़ाया और वह वकील से बॉम्बे हाईकोर्ट के जज नियुक्त हुए। जस्टिस यूयू ललित अपने परिवार में तीसरी पीढ़ी के वकील रहे, फिर सुप्रीम कोर्ट के जज बने और अब देश के मुख्य न्यायाधीश पद तक पहुंचे हैं।