Chinese President Xi Jinping: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तीसरी बार ताजपोशी की डेट जैसे- जैसे नजदीक आ रही है, वैसे- वैसे आम नागिरकों की राय़ देखी जाए तो अब अपने नेता शी जिनपिंग के खिलाफ इस वक्त जमकर प्रदर्शन होने शुरु हो गए है। राजधानी बीजिंग में 16 अक्टूबर को चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के नेता जमा होंगे और शी जिनपिंग को तीसरी बार देश की कमान सौंप सकते हैं। बता दें कि करीब 5 साल बाद होने वाली इस बेहद अहम बैठक से पहले चीन में एक दुर्लभ प्रदर्शन देखने को मिला है। शी जिनपिंग की जीरो कोविड नीति से बुरी तरह से परेशान हो चुकी जनता ने बीजिंग के कई इलाकों में पोस्टर -बैनर लगाकर चीन के राष्टपति को तानाशाह बता दिया। यही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि हमें कोरोना टेस्ट नहीं बल्कि खाना चाहिए।
बताया जा रहा है कि सोशल मीडिया में वायरल हो रही तस्वीर बीजिंग के हैदिआन जिले की है। कम्युनिस्ट पार्टी की 20वीं कांग्रेस से ठीक पहले इन प्रदर्शनोम से चीन की पोल खुल गई है। चीन ने पार्टी का चीन ने पार्टी कांग्रेस की इस बैठक से ठीक पहले सुरक्षा के कड़े इंतजाम बीजिंग में किए हैं और हर तरफ निगरानी की जा रही है। प्रदर्शनकारियों ने अपने पोस्टर में लिखा है,’कोरोना जांच नहीं हम भोजन चाहते हैं’ और सांस्कृतिक क्रांति नहीं, सुधार चाहते हैं। एक बैनर में तो यहां तक लिखा है कि शी जिनपिंग तानाथाह हैं और लोगों से हड़ताल करने की अपील भी की गई है।
बता दें कि बीजिंग के झोनग्गुआकन/विश्वविद्यालय इलाके में भी प्रदर्शन हो रहा है। यहां पर भी पोस्टर लगे देखा गया है। चीन ने पार्टी कांग्रेस की बैठक से पहले राजधानी में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गए हैं। अब ऐसे में इस तरह के प्रदर्शन को आम प्रदर्शन करार दी जा रहा है। वहीं इस अहम बैठक से पहले चीन की सुरक्षा एजेंसियों ने 14 लाख लोगों को अपराधी बताकर उन्हें अरेस्ट कर लिया है। इसके लिए 100 दिन का अभियान गत जून महीने से ही शुरू कर दिया गया था। इशके बाद भी चीन में इस तरह का प्रदर्शन होना बताता है कि जनता आए दिन लगने वाले कोरोना लॉकडाउन से कितना परेशान है।
वहीं चीन ने इस पार्टी कांग्रेस से ठीक पहले बीजिंग को एक किले में बदल दिया है। शी जिनपिंग चीन के संस्थापक माओ के बाद दूसरे ऐसे नेता हैं कि जिन्हें तीसरी बार राष्ट्रपति बनाया जा रहा है। चीन ने दावा किया है कि उसने 14 लाख अपराधियों को अरेस्ट किया है। इसके अलावा अल्पसंख्यकों के खिलाफ जासूसी को बहुत बढ़ा दिया गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक बीजिंग आने वाले हर व्याक्ति की व्यापक जांच की जा रही है। चीन ने किसी भी विरोध की स्थिति से निपटने के लिए बडे पैमाने पर अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया है।