नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने आज कांग्रेस(Congress) पार्टी को एक बड़ा झटका दिया है। अदालत ने पार्टी की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें आयकर विभाग द्वारा उनके खातों के पुनर्मूल्यांकन की कार्रवाई के खिलाफ अपील की गई थी। यह मामला साल 2014-15, 2015-16 और 2016-17 के लिए आयकर विभाग की री-असेसमेंट कार्रवाई से संबंधित है।
कांग्रेस की बढ़ेंगी मुश्किलें?
इस फैसले के साथ पार्टी के लिए आर्थिक मोर्चे पर चुनौतियाँ बढ़ गई हैं। आयकर विभाग की इस कार्रवाई से पार्टी के वित्तीय संचालन पर असर पड़ सकता है। इस घटना का राजनीतिक परिदृश्य पर भी गहरा प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि कांग्रेस विपक्षी दल के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट का सहारा
आगे की कार्रवाई के लिए, पार्टी उच्चतम न्यायालय में अपील कर सकती है। हालांकि, इस फैसले के बाद पार्टी के अगले कदम पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। कोर्ट ने इससे पहले 13 मार्च को कांग्रेस के बैंक खातों पर आयकर विभाग की कार्रवाई को रोकने की याचिका भी खारिज कर दी थी। अदालत ने इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल के फैसले को छेड़ने की कोई वजह नहीं देखी।
किसने की सुनवाई?
दिल्ली हाई कोर्ट में जस्टिस यशवंत वर्मा और पुरुषिंदर कुमार कौरव की बेंच ने अपना फैसला सुनाया. कांग्रेस ने आयकर विभाग द्वारा लगातार तीन वर्षों यानी 2014-15, 2015-16 और 2016-17 में की गई कर पुनर्मूल्यांकन कार्यवाही के खिलाफ याचिका दायर की थी।
‘कांग्रेस ने आयकर विभाग की कार्रवाई का विरोध किया’
इससे पहले कांग्रेस ने पुनर्मूल्यांकन कार्रवाई का विरोध किया था. कांग्रेस के वकील अभिषेक सिंघवी ने कहा, ”टैक्स पुनर्मूल्यांकन की कार्रवाई पर समय सीमा लागू होती है. आयकर विभाग अधिकतम छह मूल्यांकन वर्षों के लिए ही जा सकता है.” उन्होंने आगे कहा, ”पुनर्मूल्यांकन की कार्यवाही आयकर के प्रावधानों के विपरीत की जा रही है कार्यवाही करना।