Abdul Khaleque: असम के कांग्रेस सांसद अब्दुल खालिक ने मुगलों की तारीफ में एक बयान दिया है. खालिक ने मुगलों पर गर्व जाहिर करते हुए कहा कि उन्होंने छोटे (रियासतों) राज्यों में बंटे भारत को ‘हिंदुस्तान’ नाम दिया है, इसलिए उन्हें उनपर गर्व होता है. कांग्रेस सांसद ने आगे कहा कि मुझे मुगलों पर गर्व है, लेकिन मैं मुगल नहीं हूं और ना ही उनका वंशज हूं. लेकिन मुगलों ने इस देश को आकार देने का काम किया था. उन्होंने कई रियासतों में बंटे भारत को ‘हिंदुस्तान’ नाम दिया था, इसलिए मुझे उन पर गर्व होता है. सांसद ने सवाल उठाते हुए कहा कि अगर आपको मुगलों से इतनी नफरत हैं तो लाल किले पर तिरंगा फहराना भी ठीक नहीं है। मुगलों ने भारत में लाल किला और ताजमहल जैसे स्मारकों का निर्माण किया था और इसलिए देश में उनके योगदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। अब्दुल खालिक ने आगे कहा कि मुगलों का महत्व इस बात से पता चलता है कि देश का हर प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराता रहा है।
अब्दुल खालिक ने कहा कि मुगलों ने जरूर असम में अटैक किया था लेकिन तब हिंदुस्तान मुगलों के हिस्से में था। उन्होंने तब अलग राष्ट्र असम में हमला किया था। असम आज देश का हिस्सा है। कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि उनके संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली 10 विधानसभा सीटों में से सात अहोम साम्राज्य का हिस्सा थीं, जबकि तीन उस समय कोच साम्राज्य थे। उन्होंने कहा कि सरायघाट की लड़ाई हिंदुओं और मुसलमानों के बीच नहीं बल्कि हिंदुस्तान के राजा और अहोम वंश के बीच की लड़ाई थी।
नहीं है कोई आपराधिक केस
खालिक का यह बयान ऐसे समय में आया है जब मुगल काल के कई स्थानों के नाम बदल दिए गए हैं। उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद को आधिकारिक तौर पर 2018 में प्रयागराज नाम दिया गया था। इसके अलावा, मुगलसराय का नाम बदलकर पंडित दीन दयाल उपाध्याय नगर कर दिया गया। खास बात है कि अब्दुल खालिक उन गिने-चुने सासंदों में से एक हैं जिनके खिलाफ कोई भी आपराधिक केस नहीं है।