नई दिल्ली। Congress महासचिव केसी वेणुगोपाल ने अपने एक बयान में बताया कि महाराष्ट्र के नेता संजय निरुपम को “अनुशासनहीनता” और “पार्टी विरोधी बयानों” के लिए कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया। पार्टी ने उन्हें 6 सालों के लिए पार्टी से निष्काषित किया हैं। कांग्रेस महासचिव ने बुधवार रात बयान में कहा, “अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी बयानों की शिकायतों पर ध्यान देते हुए, माननीय कांग्रेस अध्यक्ष ने श्री संजय निरुपम को तत्काल प्रभाव से छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित करने की मंजूरी दे दी है। ज्ञात हो कि पार्टी का यह फैसला लोकसभा आम चुनाव 2024 में कांग्रेस पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची से निरुपम को हटाए जाने के बाद आया है।
इसलिए हुई कारवाई
Congress पार्टी से निष्कासन को लेकर महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा है, स्टार प्रचारकों में संजय निरुपम का नाम था, जिसे रद्द कर दिया गया है। क्योंकि वो जिस तरह के बयान दे रहे थे, उस पर कार्रवाई उचित हैं। ज्ञात हो की लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को लेकर इंडिया ब्लॉक के सहयोगी, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के खिलाफ उनकी हालिया टिप्पणी के लिए यह कार्रवाई की गई।
Congress से हटने का फैसला मैं खुद लूँगा : निरुपम
कांग्रेस से निष्कासन की घोषणा के तुरंत बाद, संजय निरुपम ने एक्स पर पोस्ट किया और कहा कि वह पार्टी छोड़ने का फैसला खुद लेंगे। कांग्रेस पार्टी को मेरे लिए ज्यादा ऊर्जा और स्टेशनरी बर्बाद नहीं करनी चाहिए। इसके बजाय, इसका उपयोग पार्टी को बचाने के लिए करें। वैसे भी, पार्टी गंभीर वित्तीय संकट से गुजर रही है। मैंने जो एक सप्ताह का समय दिया था वह आज पूरा हो गया है। अब मैं खुद फैसला लूंगा।
लोकसभा 2019 में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी
संजय निरुपम मुंबई उत्तर पश्चिम सीट से चुनाव लड़ने के इच्छुक थे, लेकिन सीट बंटवारे के बाद यह सीट शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार अमोत कीर्तिकर के पास चली गई। इसके बाद उत्तर मुंबई का प्रतिनिधित्व करने वाले निरुपम ने कहा कि मुंबई में उम्मीदवार उतारने का शिवसेना का निर्णय Congress को किनारे करना था । ज्ञात हो कि 48 लोकसभा सीटों के साथ महाराष्ट्र उत्तर प्रदेश के बाद संसद के निचले सदन में दूसरा सबसे बड़ा सीटों वाला राज्य हैं। 2019 के लोकसभा चुनावों में , भाजपा ने 25 सीटों पर लड़ते हुए 23 पर जीत हासिल की, जबकि अविभाजित शिवसेना ने 18 सीटें हासिल कीं थीं। विपक्षी गठबंधन का हिस्सा अविभाजित राकांपा ने 19 सीटों पर चुनाव लड़ा और चार पर जीत हासिल की थी।