यूपी सरकार लगातार कोशिश कर रही है कि प्रदेश में जनता से जुड़े हुए महत्वपूर्ण विभागों की सेवाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध हो जिसको लेकर प्रदेशभर में एकीकृत मंडलीय कार्यालयों के निर्माण कार्य किए जाने हैं। आपको बता दें कि इसकी शुरुआत पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर वाराणसी और गोरखपुर से होने जा रही है। जिसमें आम जनता से जुड़े हुई सभी सुविधाएं इस कार्यालय में मिलेंगी। जो कि राज्य स्तर पर संचालित सचिवालय की तर्ज पर मंडल मुख्यालयों पर एकीकृत मंडलीय कार्यालय के तहत मिलेंगी।
एकीकृत मंडलीय कार्यालय के विकास
उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश भर में ऐसे एकीकृत मंडलीय कार्यालय के विकास का निर्णय ले चुकी है। जिसको लेकर तेजी से कार्यवाही आगे बढ़ाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। मंडलीय एकीकृत कार्यालयों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम, ऑडिटोरियम, पार्किंग, पेपरलेस वर्किंग जैसी सभी आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। जिससे कि जनता को अपने काम के लिए अलग-अलग विभागों में अलग-अलग स्थानों पर भागना नहीं पड़ेगा। एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय के बीच में समन्वय स्थापित करने में आसानी होगी।
योगी सरकार की प्राथमिकता
वाराणसी और गोरखपुर में एकीकृत मंडली कार्यालयों का निर्माण वाराणसी विकास प्राधिकरण और गोरखपुर विकास प्राधिकरण अपने-अपने जिलों में कराने जा रहा है परियोजना की लागत भी संबंधित विकास प्राधिकरण ही उठाएंगे। सरकारी कार्यालयों के एकीकृत कार्यालय में शिफ्ट होने के बाद उनके पूर्व कार्यालय के परिसर, भूमि और भवन का उपयोग भी प्राधिकरण ही करेंगे, हालांकि परियोजना के लिए शासन स्तर से भी आंशिक सहयोग दिए जाने के निर्देश जारी किए जा चुके हैं। क्योंकि यह प्रोजेक्ट योगी सरकार की प्राथमिकता में है। एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसर जिसको लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश जारी कर दिए हैं खासतौर पर इसका स्वरूप ऐसा रखा जाएगा। जिससे कि आने वाले 50 वर्षों तक की आवश्यकताओं को इन कार्यालयों से पूरा किया जा सके, जो कहीं ना कहीं एक बड़ा प्रयोग प्रदेश में साबित होने जा रहा है।