नई दिल्ली: लगता है Bollywood अभिनेता शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) के सितारे इन दिनों गर्दिश में चल रहे हैं। एक लंबे समय के बाद शाहरुख बी-टाउन में कमबैक कर रहे हैं लेकिन उनकी फिल्म पठान (Pathaan) को लेकर शुरु हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है।
ये विवाद अब इतना आगे बढ़ गया है कि इसकी गूंज अब संसद में भी सुनाई देने लगी है। फिल्म को लेकर बीएसपी (BSP) के सांसद दानिश अली (Danish Ali) उसके समर्थन में नज़र आ रहे हैं। बीते सोमवार को ‘पठान’ के विरोध का मुद्दा संसद में उठाया गया था।
दानिश अली ने इस फिल्म के लिए हो रहे विरोध पर बोलते हुए कहा है कि देश में एक नई बहस शुरु हो गई है। सत्ता पक्ष फिल्म को बैन करने की मांग करता है, तो सेंसर बोर्ड क्यों बनाया गया है ?
दानिश अली ने हाल ही में खत्म हुए फीफा वर्ल्ड (Fifa World Cup 2022) कप को लेकर कहा, “जब फीफा वर्ल्ड कप में हमारे देश की एक्ट्रेस फीफा ट्रॉफी का अनावरण कर रही थीं तो हमारा दिल गदगद हो गया, हौंसला बढ़ गया लेकिन पिछले दिनों देखने में आया है कि रंग को भी धर्म के आधार पर बांट रहे हैं। रंग के नाम पर फिल्मों को बैन करने की एक नई प्रथा शुरु हो गई है।”
इतना ही नहीं दानिश ने आगे कहा, इस देश के कई कलाकारें ने अंतर्राष्ट्रीय लेवल पर देश की प्रतिष्ठा इतनी बढ़ाई है किसी से छुपा नहीं है लेकिन इस देश में एक नई बहस शुरु हो गई है। सत्ता पक्ष फिल्म बैन करने की मांग करता है तो सेंसर बोर्ड आपने क्यों बना रखा है ? मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि चाहे सत्ता पक्ष के लोग हों, मैं एक बयान पढ़ रहा था। किसी उलेमा बोर्ड के हजरत का। वो भी बोल रहे है कि दीपिका और शाहरुख की जो नई फिल्म आई है उसे बैन करना चाहिए। फिल्मों को बैन करने का काम जो है वो सेंसर बोर्ड का है।