उत्तर प्रदेश में अब हेपेटाइटिस ‘बी’ और ‘सी’ संक्रमण का पता लगाने के लिए मरीजों को भटकना नहीं पड़ेगा। सरकार द्वारा इसके लिए यूपी में 6 सेंटर खोले जायेंगे। साथ ही वायरल लोड प्रयोगशाला भी खोली जाएंगी। इसमें मरीज के शरीर में हेपेटाइटिस वायरस के भार का सटीक पता लगाया जा सकेगा। यह जांच की सुविधा मरीजों को फ्री में मिलेगी।
प्रदेश में 6 मॉडल ट्रीटमेंट सेंटर का संचालन हो रहा
उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम 2017 से शुरू हुआ है। आपको बता दें, इस वक्त प्रदेश में 6 मॉडल ट्रीटमेंट सेंटर का संचालन हो रहा है। और 81 ट्रीटमेंट सेंटर, 5 स्टेट लैब और 7 वायरल लोड प्रयोगशालाएं चलाई जा रही हैं। जिसके चलते 6 नई वायरल लोड प्रयोगशालाएं खोली जा रही हैं।एनवीएचसीपी (NVHCP) कार्यक्रम के तहत हेपेटाइटिस सी को हराने के लिए भी इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। बताते चलें की अक्टूबर 2022 तक 29776 मरीजों को इसके अन्तर्गत पंजीकृत किया गया। जिसमें की16111 संक्रमितों का इलाज पूरा हो चुका है। तो वहीं हेपेटाइटिस बी के 2290 मरीजों को मुफ्त इलाज शुरू किया जा चुका है।
ऐसे पहचानें हेपेटाइटिस बी के लक्षण
हेपेटाइटिस बी में मरीज को थकान, खुलकर भूख न लगना, उल्टी आना, पेट दर्द, सिर दर्द, आंखों में पीलापन जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इस बीमारी से लिवर संक्रमित हो जाता है और लिवर में सूजन की समस्या हो जाती है।
ऐसे पहचानें हेपेटाइटिस सी के लक्षण
हेपेटाइटिस सी में मरीज को थकान, फ्लू जैसे लक्षण, गांठ का दर्द, खुजली, स्वप्नदोष, भूख में कमी, मिचली और अवसाद दिखाई देते हैं।
NVHCP कार्यक्रम के तहत मिलेगी मुफ्त इलाज
यूपी के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक का कहना है की, दिन पर दिन लिवर से संबंधित बीमारियां बढ़ रहीं है। जिसके चलतें सरकार मरीजों को आधुनिक इलाज मुफ्त मुहैया कराने की दशा में कदम उठा रही है।