Amitabh Bachchan Birthday : अमिताभ बच्चन की जिंदगी एक मिसाल है, जो किसी फिल्म की कहानी जैसी है। इसमें एक्शन, रोमांस, कॉमेडी, ट्रैजेडी और सभी वो पहलू हैं। जिन्होंने इस मिलेनियम स्टार को तपाकर कुंदन बना दिया। 11 अक्टूबर को बिग बी 82 साल के हो जाएंगे। उन्होंने अपने 54 साल के करियर में कई बार उतार-चढ़ाव देखे हैं। जिस आवाज को ऑल इंडिया रेडियो ने नकार दिया था, उसी आवाज ने उन्हें बॉलीवुड में एक खास मुकाम दिलाया।
उन्होंने 1969 में फिल्म ‘भुवन शोम’ में एक नरेटर के रूप में हिंदी सिनेमा में कदम रखा और इसके लिए उन्हें 300 रुपये मिले। उसी साल उन्हें ‘सात हिंदुस्तानी’ नामक फिल्म में मौका मिला, जिससे उन्हें 5 हजार रुपये की कमाई हुई। इसके बाद 1971 में फिल्म ‘रेशमा और शेरा’ में एक मूक बधिर युवक का छोटा सा किरदार निभाया।
आनंद से मिली पहचान, जंजीर से बना एंग्री यंग मैन
हालांकि, उन्हें असली पहचान 1971 की फिल्म ‘आनंद’ से मिली, जिसमें उन्होंने ‘बाबू मोशाय’ का किरदार निभाया। इसके बाद उन्हें ‘जंजीर’ (1973) ने बॉलीवुड का ‘एंग्री यंग मैन’ बना दिया। इस फिल्म के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और ‘दीवार’, ‘शोले’, ‘नमक हराम’, ‘सौदागर’, ‘कालिया’, ‘डॉन’, ‘लावारिस’ जैसी हिट फिल्मों की झड़ी लगा दी।
अमिताभ की हाइट ने बिगाड़ा सपना, पर दी सफलता की ऊंचाई
अपनी लंबी हाइट के कारण अमिताभ का वायुसेना में भर्ती होने का सपना टूट गया। एक इंटरव्यू के दौरान उन्हें इस वजह से छांट दिया गया क्योंकि उनकी टांगें लंबी थीं। हालांकि, अपनी इसी हाइट और बेहतरीन बैरिटोन आवाज ने उन्हें बॉलीवुड का शहंशाह बना दिया। अमिताभ का अभिनय और संवाद शैली लोगों के दिलों पर राज करने लगे।
केबीसी: टीवी पर भी छाए अमिताभ
फिल्मों के अलावा, अमिताभ बच्चन ने टीवी इंडस्ट्री में भी अपनी अलग पहचान बनाई। 2000 में ‘कौन बनेगा करोड़पति’ (केबीसी) के साथ उन्होंने छोटे पर्दे पर भी बड़ा मुकाम हासिल किया। शुरुआत में लोगों ने इस कदम का मजाक उड़ाया, पर बिग बी ने इस मंच पर अपने अंदाज से सबको दीवाना बना लिया।
परिवार और मूल्यों से प्रेरित बिग बी का जीवन
अमिताभ ने अपने जीवन में हमेशा अपने माता-पिता से मिले संस्कारों को महत्व दिया। उनके पिता हरिवंशराय बच्चन की सीख थी कि अगर किसी चीज में असफल हो जाओ तो निराश मत होना क्योंकि भगवान ने तुम्हारे लिए कुछ बेहतर सोचा होगा। उनकी मां तेजी बच्चन ने भी उन्हें सिखाया कि कभी भी हारकर घर मत आना। बिग बी की जिंदगी संघर्षों और सफलताओं का एक ऐसा मिश्रण है, जिसने उन्हें भारतीय सिनेमा का शहंशाह बना दिया।