Himesh Reshammiya’s Father Changed His Career Path: हिमेश रेशमिया का जन्म 23 जुलाई 1973 को मुंबई में हुआ था। बचपन में उनका सपना एक्टर बनने का था। लेकिन उनके पिता, मशहूर संगीतकार विपिन रेशमिया ने उन्हें समझाया कि एक्टिंग की दुनिया में सफलता की गारंटी नहीं होती, जबकि संगीत एक स्थिर करियर बन सकता है। पिता की इस सलाह ने हिमेश की सोच को बदल दिया। उन्होंने बहुत छोटी उम्र में ही संगीत में दिलचस्पी लेना शुरू कर दी। 16 साल की उम्र में उन्होंने अपना पहला म्यूज़िक स्टूडियो देखा और यहीं से उनके म्यूज़िकल सफर की शुरुआत हुई।
करियर की शुरुआत और बॉलीवुड में पहचान
स्कूल की पढ़ाई के बाद हिमेश कुछ समय थिएटर से भी जुड़े, लेकिन फिर उन्होंने पूरी तरह संगीत की राह पकड़ ली। 1998 में उन्होंने सलमान खान की फिल्म प्यार किया तो डरना क्या के लिए दो गाने कंपोज किए—‘प्यार किया तो डरना क्या’ और ‘तुम पर हम हैं अटके’। ये गाने हिट हुए और हिमेश का नाम इंडस्ट्री में उभरने लगा। इसके बाद उन्होंने तेरे नाम, हैलो ब्रदर और दुल्हनिया हम ले जाएंगे जैसी फिल्मों में भी संगीत दिया, जिसने उन्हें एक भरोसेमंद म्यूज़िक डायरेक्टर बना दिया।
गायक बनने का सफर और सुपरहिट एल्बम
साल 2003 में उनका पहला नॉन-फिल्मी एल्बम आप का सुरूर आया, जिसने चार्ट्स पर तहलका मचा दिया। इसके गाने ‘तेरा सुरूर’ और ‘समझते हो क्या’ हर जगह छा गए।चाहे क्लब हो या रेडियो। उनकी अलग तरह की आवाज़ ने लोगों का ध्यान खींचा और वे एक पॉपुलर पॉप स्टार बन गए। 2005 में उन्होंने खुद गाना शुरू किया और आशिक बनाया आपने ने उनकी गायकी को भी हिट बना दिया। इसके बाद ‘झलक दिखला जा’, ‘अफलातून’, ‘अंदाज अपना अपना’ और ‘तन्हाइयाँ’ जैसे कई गाने सुपरहिट साबित हुए।
एक्टिंग और निजी ज़िंदगी की कहानी
हिमेश ने 2007 में आप का सुरूर फिल्म से एक्टिंग की शुरुआत की। फिल्म ने ठीक-ठाक बिज़नेस किया, लेकिन एक्टिंग को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आईं। इसके बावजूद हिमेश ने कर्ज़, एक्सपोज़ और हैप्पी हार्डी एंड हीर जैसी फिल्मों में काम किया। निजी जीवन में, उन्होंने 1995 में कोमल से शादी की, लेकिन 2017 में दोनों का तलाक हो गया। इसके बाद 2018 में उन्होंने टीवी एक्ट्रेस सोनिया कपूर से शादी की।
पिता की सीख आज भी ज़िंदा
हिमेश कई बार इंटरव्यू में कहते हैं कि उनके पिता ही उनके असली गुरु थे। उन्होंने न केवल संगीत की बारीकियां सिखाईं, बल्कि उन्हें जिंदगी में अनुशासन और मेहनत की अहमियत भी बताई। पिता की सीख और उनका साथ ही हिमेश की आज की सफलता की नींव बनी।