लखनऊ। पूर्व बाहुबली सांसद धनंजय सिंह की मुश्किले कम लेने का नाम नहीं ले रही हैं. कुछ दिन पहले उनको एक पुराने अपहरण मामले में दोषी पाया गया था, अब आज उनको सजा का ऐलान हो गया है. दरअसल अपहरण मामले में उनको 7 साल के कारावास की सजा सुनाई गई है. कानून के तहत 2 साल से ज्यादा सजा होने पर प्रत्याशी चुनाव नहीं लड़ सकता है. ऐसे में आगामी लोकसभा में धनंजय सिंह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.
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2020 के अपहरण का था मामला
बता दें कि 5 मार्च यानी मंगलवार को जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह को अपहरण मामले में दोषी करार दिया गया था. जौनपुर के लाइन बाजार क्षेत्र में 10 मई 2020 को अभिनव सिंघल का अपहरण हुआ था, इसमें पूर्व सांसद के अलावा संतोष विक्रम और अपर सत्र न्यायाधीश शरद त्रिपाठी को दोषी करार दिया गया. अपहरण मामले में दोषी करार होने के बाद 6 मार्च यानी आज इनके सजा का ऐलान हुआ.
दोहरे हत्याकांड मामले में मिली क्लीनचिट
दोहरे हत्याकांड मामले में पुलिस के गिरफ्तारी के बाद इनको गैंगस्टर बुलाया गया. विधानसभा चुनाव के बाद मार्च में इनको उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई. पत्नी डॉ. जागृति सिंह को इन्होंने मल्हनी विधानसभा में साल 2012 निर्दल प्रत्याशी के रूप में उतारा. हालांकि इसमें उनको हार का सामना करना पड़ा. 2013 में बक्शा के हेमू निवासी अनिल मिश्रा हत्याकांड मामले में पूर्व सांसद के खिलाफ एक और मुकदमा दर्ज कराया गया, हालांकि इसमें उनको बाद में क्लीनचिट दे दी गई.
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