CBI ने कथित आईसीआईसीआई बैंक-वीडियाकॉन लोन धोखाधड़ी मामले में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य अधिकारी और प्रबंध निदेशक चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को गिरफ्तार किया है। इस मामले में सीबीआईने 2019 में प्राथमिकी दर्ज की थी।सीबीआई ने चंदा कोचर, उनके पति और वीडियोकॉन ग्रुप के वेणुगोपाल धुत के साथ-साथ नुपावर रिन्यूएब्लस, सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड औ वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को आपराधिक साजिश से संबंधित आईपीसी की धाराओं के तहत प्राथमिकी में आरोपी बनाया था।
जानिए पूरा मामला
आपको बता दें कि वीडियोकन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत और दीपक कोचर के साथ बिजनेस करते हैं। चंदा कोचर और उनके पति पर आरोप लगा कि वेणुगोपाल धूत ने दीपक कोचर की सह स्वामित्व वाली कंपनी के ज़रिए लोन का एक बड़ा हिस्सा स्थानांतरित किया और लगभग 94.99 फीसदी होल्डिंग वाले बड़े शेयर्स महज 9 लाख रुपये में स्थानांतरित क दिए गए। हालांकि बैंक ने उस समय इस मामले को निपटाने की काफी कोशिश की थी। लेकिन बाद में यह केस सामने आया।
जिसके बाद ICICI बैंक ने एक इंडेपेंडेंट जांच करने का फैसला लिया और 30 मई 2018 को बोर्ड ने व्हिसल ब्लोवर के आरोपों की जांच करने का आदेश दिया गया। 2019 में सुप्रीम कोर्ट की जांच पुरी हुई और चंदा कोचर को दोषी करार दिया गया। जिसके बाद ईडी ने 2020 में चंदा कोचर, दीपक कोचर और उनकी कंपनियों से जुड़ी 78 करोड़ रुपयों की संपत्ती कुर्क कर ली और केस बढ़ता गया।