Firing Over Election Dispute: सहजनवा में मंगलवार की शाम चुनावी रंजिश ने हिंसक रूप ले लिया। जोन्हियां क्रासिंग के पास ग्राम प्रधान मंजीत सिंह ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर एक युवक बिपिन सिंह को गोली मार दी। बताया जा रहा है कि बिपिन फोन पर बात कर रहा था, तभी आरोपितों ने उसके ऊपर चार राउंड फायरिंग कर दी। इसमें एक गोली उसके सीने के नीचे से आर-पार हो गई। गंभीर रूप से घायल बिपिन को गांव वाले पहले थाने ले गए, फिर सीएचसी और उसके बाद जिला अस्पताल भेजा गया। हालत नाजुक देख उसे बीआरडी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया।
आरोपियों की तलाश में पुलिस
पुलिस ने बताया कि पूरे मामले की गहराई से जांच की जा रही है। आरोपितों की तलाश में लगातार छापेमारी की जा रही है। एसपी उत्तरी जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि घटना से जुड़े सभी पहलुओं की जांच हो रही है और जल्द ही दोषियों का पर्दाफाश किया जाएगा। पुलिस का कहना है कि इलाके में स्थिति सामान्य रखने के लिए भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
पहले भी हुआ था विवाद
ग्रामीणों के मुताबिक, यह विवाद नया नहीं है। चार सितंबर को ग्राम प्रधान के भाई अजीत सिंह की गांव के पोखरे पर मारपीट हो गई थी। उस घटना में प्रधान पक्ष ने बिपिन सिंह के भाई समेत कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। पुलिस ने दोनों पक्षों का चालान कर शांति भंग की आशंका जताई थी। उस मारपीट में प्रधान के भाई का हाथ फ्रैक्चर हो गया था। इसके बाद से दोनों पक्षों में तनाव बना हुआ था।
गांव में दहशत और नाराज़गी
इस गोलीकांड के बाद डोमहर माफी गांव में डर का माहौल है। ग्रामीण कह रहे हैं कि अगर प्रधान ही गोली चला दे तो आम आदमी सुरक्षित कैसे रहेगा। हर गली और चौपाल पर इस घटना की चर्चा है। लोग आरोप लगा रहे हैं कि प्रधान और उसके समर्थक लंबे समय से गांव में अपना दबदबा बनाकर चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस ने पहले हुई मारपीट को गंभीरता से नहीं लिया, इसलिए विवाद बढ़ता गया।
ग्रामीणों का सबसे ज्यादा गुस्सा स्थानीय पुलिस की लापरवाही पर है। घायल बिपिन को थाने लाने के बाद पुलिस ने समय पर अस्पताल नहीं भेजा। हल्का दारोगा और बीपीओ मामले को टालते रहे। पंचायत चुनाव की वजह से गांव में राजनीति गरम है और इसी का असर इस हिंसा में देखने को मिला।
अब सवाल उठता है कि ऐसे माहौल में आम लोगों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाए। पुलिस की कार्रवाई के बावजूद गांव में डर और नाराज़गी बनी हुई है। प्रशासन पर दबाव है कि वह जल्द से जल्द दोषियों को पकड़कर शांति बहाल करे ताकि आने वाले समय में ऐसी घटनाएँ न दोहराई जाएँ।