नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। बिहार विधानसभा चुनाव में अब धुआंधार भाषणों का दौर शुरू हो गया है। यूपी के महाराज के पप्पू, टप्पू और अप्पू के बाद अब बीजेपी के दूसरे योगी यानि असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा भी चुनावी मैदान में उतर चुके हैं। एनडीए उम्मीदवारों की जीत पक्की करने के लिए वह पसीना बहा रहे हैं। राहुल गांधी और तेजस्वी को घेरने के साथ ही बिहार के बाहुबलियों पर जुबान से फायर कर रहे हैं। सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने बाहुबली शाहबुद्दीन के गढ़ से हुंकार भरी।
दरअसल, असम के सीएम ने सीवान में गठबंधन प्रत्याशी के समर्थन में रघुनाथपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कुछ ऐसा कह दिया, जिसकी पूरे देश मे ंचर्चा हो रही है। सोशल मीडिया पर असम के सीएम का भाषण गर्दा उड़ाए हुए है। असम सीएम ने कहा कि मेरे रघुनाथपुर आने से पहले, मुझे लगता था कि मुझे यहां भगवान राम, भगवान लक्ष्मण और माता सीता दिखाई देंगी, लेकिन मुझे बताया गया कि यहां कई राम, लक्ष्मण और सीता हैं, लेकिन यहां एक ओसामा भी है। मैंने पूछा कि ओसामा कौन है। ये ओसामा भी पूर्व के ओसामा बिन लादेन जैसा है। हमें ये सुनिश्चित करना होगा कि राज्य में एक भी ओसामा बिन लादेन न रहे।
असम के सीएम ने आगे कहा, ओसामा का पिता शहाबुद्दीन था। असम सीएम ने राजद प्रत्याशी ओसामा शहाब का नाम लिए बिना उनकी तुलना ओसामा बिन लादेन से कर दी। सीएम सरमा ने कहा कि, इस देश के जितने भी ओसामा हैं, सबको एक-एक करके खत्म करना है। उन्होंने कहा कि यह देश राम-सीता का देश है और कभी भी ओसामा बिन लादेन जैसा किसी का वर्चस्व नहीं मान्य होगा। असम के सीएम ने कहा कि देश में अब किसी भी माफिया, अपराधी की खैर नहीं। बिहार में भी अब जंगलराज भूले बिसरे गीत बन गया है। अब बिहार में माफिया-बाहुबली लापता हो गए हैं। जो बचे भी हैं, उनका इलाज नीतीश कुमार की सरकार कर रही है।
असम के सीएम के इस बयान के बाद मुस्लिम धर्मगुरूओं की तरफ से बयान सामने आए हैं। उन्होंने सीएम के इस बयान की अलोचना की है। ऐसे में हम आपको हिमंत बिस्व सरमा के बारे में बताते हैं, जिन्हें बीजेपी का दूसरा योगी कहा जाता है। उग्र हिंदुत्व की पिच पर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा बहुत कुछ ऐसा कर रहे हैं जो इसके पहले देश के किसी नेता ने नहीं किया होगा। सरमा ने कुछ माह पहले राज्य विधानसभा में कहा था कि मैं असम को मियां लोगों की भूमि नहीं बनने दूंगा। हिमंता के लिए हिंदुत्व का पोस्टर बॉय बनने की धुन आज की नहीं है।
भारतीय जनता पार्टी जॉइन करने के बाद से ही सीएम हेमंत ने हार्डकोर हिंदुत्व की राह पकड़ ली थी। मुस्लिम आबादी को लेकर लगातार बयान,चाइल्ड मैरेज के नाम पर मुस्लिम शादियों में रुकावट डालने की कोशिश या सीएए और एनआरसी की बात रही हो, कांग्रेस से बीजेपी में आए हिमंता मुस्लिम समुदाय के खिलाफ इस तरह से आग उगलते हैं जिसका मुकाबला जन्मजात भाजपाई भी नहीं कर सकते। हिमंता ने निजी स्वामित्व वाले विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेघालय (यूएसटीएम) से पढ़ाई करने वाले छात्रों को असम सरकार की नौकरियों में रोक लगाने की बात कही थी।
असम के सीएम ने कहा था कि एनआईआरएफ के तहत शीर्ष 200 विश्वविद्यालयों में से एक है। यह संस्थान असम के एक बंगाली-मुस्लिम महबुबुल हक के स्वामित्व वाले फाउंडेशन द्वारा संचालित है, जो संस्थान के चांसलर भी हैं। हिमंता का मानना है कि इस विश्वविद्यालय परिसर के निर्माण के लिए वनों और पहाड़ियों की कटाई का ही नतीजा है कि गुवाहाटी को अचानक बाढ़ का सामना करना पड़ा. सरमा का कहना है ये सब असम के खिलाफ बाढ़ जिहाद के कारण हुआ है। सरमा ने इससे पहले बंगाली-मुस्लिम किसानों पर उर्वरक जिहाद का भी आरोप लगाया था।
असम के सीएम ने कहा था कि सब्जियां उगाने में उर्वरक के अनियंत्रित उपयोग के कारण लोगों में बीमारियां फैल रही हैं। उन्होंने राज्य में मुसलमानों पर भूमि जिहाद का आरोप लगाते हुए उन्हें जमीन की बिक्री पर अंकुश लगाने के फैसले की भी घोषणा की और कहा था कि सरकार लव जिहाद के लिए आजीवन कारावास की सजा वाला एक कानून लाएगी। यही सब कारण है कि असम में उनकी लोकप्रियता में लगातार इजाफा हो रहा है।
दरअसल, सीवान की रघुनाथपुर सीट से ओसामा शहाब राजद के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं। जन सुराज पार्टी के टिकट पर राहुल कीर्ति चुनाव लड़ रहे हैं और जदयू ने यहां विकास कुमार सिंह को टिकट दिया है। रघुनाथपुर को ओसामा के पिता और बाहुबली रहे शहाबुद्दीन का गढ़ माना जाता है। ओसामा के खिलाफ भी आपराधिक मामले दर्ज हैं। राजद द्वारा ओसामा को टिकट देने पर भी खूब विवाद हुआ और आलोचक राजद के फैसले पर सवाल उठा रहे हैं।
