‘छोटा ओसामा’ का ज़हर! BJP CM ने RJD कैंडिडेट को बताया लादेन का वंशज, ललन सिंह बोले- ‘वोटर को घर में पैक करो!’

बिहार चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी और जेडीयू नेताओं के विवादित बयानों ने सियासी पारा बढ़ा दिया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने आरजेडी उम्मीदवार को 'छोटा ओसामा' कहा, जबकि जेडीयू के ललन सिंह ने वोटरों को घर में बंद रखने की बात कहकर लोकतंत्र पर सवाल खड़ा कर दिया है।

Bihar elections, controversial statements

Bihar elections controversial statements: बिहार चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और उसके सहयोगी दल के नेताओं द्वारा दिए गए अत्यधिक भड़काऊ और अमर्यादित बयानों ने राजनीतिक गलियारों में तूफान ला दिया है। असम के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता हिमंत बिस्वा सरमा ने सिवान की एक जनसभा में ओसामा शहाब, आरजेडी उम्मीदवार, पर घिनौना हमला करते हुए उन्हें ‘छोटा ओसामा’ कहा और ऐलान किया कि “इस देश के जितने भी ओसामा हैं, सबको एक-एक करके खत्म करना है।” सरमा ने विषाक्त भाषा का प्रयोग करते हुए कहा कि यह देश “राम-सीता का देश है” और “ओसामा बिन लादेन जैसा किसी का वर्चस्व नहीं मान्य होगा।” उनके इस भद्दे बयान ने विपक्ष को आग बबूला कर दिया है, जिन्होंने इसे सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की निम्नतम कोशिश बताया है।

वहीं, जद (यू) के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने मोकामा में लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाने वाला बयान देते हुए मतदाताओं से कहा कि “एक-दो नेता हैं उनको चुनाव के दिन घर से निकलने मत दें। घर में पैक कर दीजिए।” ये अलोकतांत्रिक और धमकाने वाले बयान सीधे तौर पर निष्पक्ष चुनाव की प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिश हैं, जिस पर कांग्रेस और आरजेडी ने चुनाव आयोग की चुप्पी पर तीखे सवाल उठाए हैं।

नफरत और धमकी की राजनीति: ‘ओसामा’ से ‘नजरबंदी’ तक

हिमंत बिस्वा सरमा ने सिवान में अपनी जहरीली जुबान का इस्तेमाल करते हुए आरजेडी प्रत्याशी ओसामा शहाब का नाम लिए बिना उनकी तुलना सीधे तौर पर अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी ओसामा बिन लादेन से कर डाली। शहाबुद्दीन को ‘मर्डर में गिनीज रिकॉर्ड’ बनाने वाला बताते हुए सरमा ने कहा कि अगर ऐसे ‘छोटे ओसामा’ को नहीं रोका गया तो यह देश में फैल जाएगा। उन्होंने खुले तौर पर सांप्रदायिक कार्ड खेलते हुए दावा किया कि “जब देश में हिन्दू जग जाएगा, तो कोई ओसामा या औरंगजेब सामने नहीं टिक पाएगा।” यह बयान घोर नफरत फैलाने वाला है और सीधे तौर पर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करता है।

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वहीं, Bihar  ललन सिंह का बयान तो सीधे लोकतंत्र पर हमला है। मोकामा में अनंत सिंह के समर्थन में बोलते हुए, सिंह ने लोगों को धमकाते हुए कहा कि बीजेपी-जेडीयू के खिलाफ वोट करने वाले नेताओं को चुनाव के दिन घर से निकलने नहीं दिया जाए। कांग्रेस ने इस बेतुके और गैर-कानूनी वीडियो को साझा करते हुए सवाल किया है कि क्या ‘निष्पक्ष’ चुनाव आयोग इस पर कोई कार्रवाई करेगा या हमेशा की तरह भाजपा-जद (यू) नेताओं को पुचकारता रहेगा। आरजेडी नेता मनोज झा ने भी प्रधानमंत्री पर चुप्पी साधने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग की निष्क्रियता पर सवाल उठाए हैं।

Bihar  जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने फूहड़ तरीके से ललन सिंह का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया और यह सिर्फ “चुनाव प्रचार में बोलने की एक शैली” है, लेकिन वायरल वीडियो में दिया गया स्पष्ट निर्देश उनकी सफाई को झूठा साबित करता है।

Bihar  चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक, ललन सिंह के बयान को लेकर जल्द ही नोटिस जारी किया जा सकता है, लेकिन भाजपा-जद (यू) नेताओं द्वारा लगातार दिए जा रहे इस तरह के भड़काऊ और आपत्तिजनक बयानों ने बिहार चुनाव को निम्नतम स्तर पर धकेल दिया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सत्तारूढ़ गठबंधन सत्ता के लिए किसी भी हद तक गिरने को तैयार है।

 

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