Iran USA nuclear deal tension ईरान और अमेरिका के बीच रिश्ते एक बार फिर तनावपूर्ण हो गए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्हाइट हाउस में वापसी के बाद से ही वह ईरान पर दबाव बना रहे हैं कि वह अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर बातचीत के लिए तैयार हो। लेकिन ईरान ने अमेरिका की इस मांग को ठुकरा दिया है।
ईरान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि ईरान सीधे अमेरिका से बातचीत नहीं करेगा, और अगर अमेरिका ने धमकी दी कि बातचीत नहीं हुई तो बमबारी करेंगे, तो वह किसी भी दबाव में नहीं आएगा।
ओमान के ज़रिए बात करना चाहता है ईरान
हालांकि, ईरान ने यह साफ कर दिया है कि वह सीधी बातचीत तो नहीं करेगा, लेकिन ओमान के ज़रिए अप्रत्यक्ष बातचीत जारी रखेगा। ओमान लंबे समय से दोनों देशों के बीच संदेश पहुंचाने का माध्यम रहा है। इस बीच ईरान ने अपने पड़ोसी देशों को भी सख्त चेतावनी दी है।
पड़ोसी देशों को चेतावनी – पहले निशाने पर होंगे तुम
ईरान का कहना है कि अमेरिका के कई सैन्य बेस उसके पड़ोसी देशों में मौजूद हैं। अगर अमेरिका इन बेस का इस्तेमाल करके ईरान पर हमला करता है, तो ईरान सबसे पहले उन्हीं पड़ोसी देशों पर हमला करेगा। इसमें ओमान और इराक जैसे देशों का नाम लिया गया है।
ईरान का कहना है कि अगर इन देशों ने अमेरिका को अपने एयरबेस इस्तेमाल करने की इजाजत दी, तो वे पहले ईरान का निशाना बनेंगे। अमेरिका से बाद में निपटा जाएगा, पहले उनके साथियों को सबक सिखाया जाएगा।
गाजा युद्ध के बाद बढ़ा तनाव और गुस्सा
हाल ही में गाजा में चल रहे संघर्ष के कारण ईरान और इजराइल के बीच भी तनाव काफी बढ़ गया है। ईरान ने इजराइल के खिलाफ ‘एक्सिस ऑफ रेजिस्टेंस’ के तहत कड़ा रुख अपनाया है। इसी कारण अमेरिका अब और ज्यादा नाराज हो गया है और वह ईरान के सहयोगी संगठनों पर हमला कर रहा है।
डोनाल्ड ट्रंप इस पूरे मामले में काफी आक्रामक रुख अपना रहे हैं और वह चाहते हैं कि ईरान झुक जाए, लेकिन ईरान ने यह साफ कर दिया है कि वह किसी धमकी के आगे नहीं झुकेगा।
ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु कार्यक्रम को लेकर तनाव फिर से गहरा गया है। अमेरिका की धमकियों के बीच ईरान न सिर्फ डटा हुआ है, बल्कि अपने पड़ोसी देशों को भी चेतावनी दे रहा है कि अगर वे अमेरिका का साथ देंगे, तो इसका खामियाजा उन्हें भी भुगतना पड़ेगा।