नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। आपने इंसानों को फांसी पर लटकाए जाने के बारे में सुना होगा, लेकिन इसी धरती पर एक फीमेल हाथी को सरेआम फांसी के फंदे पर लटकाया गया था। हथिनी पर आरोप था कि उसने अपने महावत को पैरों से कुचल कर मार डाला। ये सजा लगभग 106 साल पहले अमेरिका में किसी बेजुबान को दी गई थी। हाथिनी को फांसी पर लटकाए जाने को लेकर 100 टन का वजन उठाने वाली एक क्रेन का इंतजाम किया। दो दर्जन जल्लाद बुलाए गए और हजारों लोगों के सामने उन्होंने हथिनी को फांसी पर लटका दिया।
हथिनी का नाम उसका नाम ‘मैरी’ था
हथिनी बहुत सीधी थी और चार्ली र्स्पा के सर्कस में काम किया करती थी। हथिनी का नाम उसका नाम ‘मैरी’ था। चार्ली र्स्पा टेनेसी में स्पार्क्स वर्ल्ड फेमस शो नाम का एक सर्कस चलाता था। उस सर्कस में कई जानवर थे, जिसमें मैरी नाम की ये एशियाई हाथी भी थी। कहा जाता है कि मैरी के महावत ने किसी वजह से सर्कस छोड़ दिया था, जिसकी जगह पर किसी दूसरे महावत को रखा गया। नए महावत को मैरी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी। इसलिए वो महावत मैरी को कंट्रोल करने में असमर्थ था। इसी बीच सर्कस के प्रमोशन के लिए शहर में परेड का आयोजन किया गया, जिसमें मैरी के साथ-साथ कई सारे जानवर और सर्कस के कलाकार शामिल हुए थे।
मृत्युदंड देने की मांग
प्रमोशन परेड के बीच मैरी को कुछ खाने की चीज दिखाई दे गई, जिसके लिए वो तेजी से आगे बढ़ने लगी। नए महावत ने उसे रोकने की भरपूर कोशिश की, मगर मैरी नहीं रूकी। इस दौरान उस नए महावत ने उसे रोकने के लिए उसके कान के पीछे भाला घोंप दिया जिससे मैरी को गुस्सा आ गया और उसने महावत को नीचे पटकर पैरों से कुचल दिया। जैसे ही महावत की मौत हो गई तो चारों तरफ हंगामा शुरू हो गया। हथिनी को पकड़ लिया गया और एक विशाल पिंजरे के अंदर कैद कर दिया गया। इसबीच लोग उसे मृत्युदंड देने की मांग उठाने लगे, अखबारों में भी मैरी के नाम के आर्टिकल छपने लगे, जिसमें उसे मृत्युदंड देने की बात छपी होती थी।
जल्लादों की व्यवस्था करवाई गई
लोग सर्कस के मालिक चार्ली स्पार्क को बी धमकियां देने लगे कि अगर वो मैरी को मृत्युदंड नहीं देंगे तो शहर में कही भी सर्कस नहीं होने देंगे। वहीं मैरी को लोग मारने के लिए कई योजना भी तैयार करने लगे और आइडियाज देने लगे। जिनमें मैरी को करंट के जरिए मृत्युदंड की बात कही जाती, तो कभी ट्रेन के आगे कुचलवा देने की बात होती थी। हंगामें को बड़ता देख सरकार को निर्णय लेना पड़ा की मैरी को फांसी की सजा दी जाएगी। सरकार ने पुलिस का सहयोग लिया। कुछ अधिकारियों ने हथियों को फांसी पर लटकाए जाने को लेकर प्लान बनाया। जल्लादों की व्यवस्था करवाई गई।
एक क्रेन का इंतजाम
सरकार के आदेश पर पुलिस-प्रशासन ने हथिनी को फांसी पर लटकाए जाने को लेकर 100 टन का वजन उठाने वाली एक क्रेन का इंतजाम किया। फिर हथिनी को हजारों लोगों के बीच 13 सिंतबर 1916 को फांसी पर लटका दिया गया। उस समय हाथी की फांसी की सजा को अमेरिका में बड़ी संख्या में लोगों ने समर्थन किया था। मगर आज के समय की बात की जाए तो इतिहास में जानवरों के प्रति मानवता का सबसे क्रूर उदाहरण इसे ही माना जाता है। बेजुबानों की सुरक्षा के लिए अब कानून बन गए हैं। भारत में बेजुबानों पर हमले को लेकर कठोर दंड का प्रावधान है।